राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा- पत्रकार अपने कर्तव्य की रेखा में कई टोपी पहनते हैं

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बीते सोमवार को कहा कि संयम और जिम्मेदारी के मूल सिद्धांत को इन दिनों मीडिया में पर्याप्त रूप से रेखांकित किया गया है। फर्जी खबरें एक नए खतरे के रूप में सामने आई हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि "ब्रेकिंग न्यूज सिंड्रोम" ने मीडिया को खा लिया है।
राष्ट्रपति कोविंद ने पत्रकारिता सम्मान समारोह में रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रेकिंग न्यूज सिंड्रोम के दिनों में मीडिया ने अब संयम और जिम्मेदारी के इस मूल सिद्धांत को काफी हद तक कम कर दिया है। और फर्जी खबरें एक नया खतरा बनकर सामने आई हैं। जो खुद को पत्रकार घोषित करते हैं और इस नेक पेशे को कलंकित करते हैं।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि पत्रकार अपने कर्तव्य की रेखा में कई टोपी पहनते हैं। पत्रकार एक अन्वेषक, एक अभियोजक और एक न्यायाधीश की भूमिका निभाते हैं। सभी एक में लुढ़के।
यह सच में पहुंचने के लिए पत्रकारों को एक समय में कई भूमिका निभाने के लिए आंतरिक शक्ति और अविश्वसनीय जुनून की बहुत आवश्यकता होती है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा प्रशंसनीय है। लेकिन मुझे यह पूछने के लिए प्रेरित करता है कि क्या इस तरह के एक व्यापक अभ्यास के साथ शक्ति होती है।
कोविंद ने आगे कहा कि पत्रकारिता पुरस्कारों में रामनाथ गोयनका उत्कृष्टता उन पत्रकारों को सम्मानित करती हैं। जिन्होंने अपने पेशे के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है और अपार चुनौतियों के बावजूद भी ऐसे काम का निर्माण किया जो मीडिया में जनता का विश्वास बनाए रखता है और लोगों के जीवन को प्रभावित करता है।
कोविंद ने बताया कि सत्य की खोज निश्चित रूप से कठिन और आसान काम की तुलना की गई है। लेकिन इसे आगे बढ़ाया जाना चाहिए। हमारा जैसा लोकतंत्र वास्तव में तथ्यों के उजागर होने और उन पर बहस करने की इच्छा पर निर्भर करता है। लोकतंत्र तभी सार्थक है जब नागरिक अच्छी तरह से हो।
उन्होंने नई दिल्ली में पत्रकारों को पुरस्कार भी प्रदान किए और सभी विजेताओं को बधाई दी और उनसे आग्रह किया कि वे कभी भी उनकी सच्चाई का पीछा न करें।
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