निर्भया गैंगरेप के दोषी की फांसी तय, राष्ट्रपति ने खारिज की दया याचिका

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश सिंह की दया चाचिका खारिज कर दी है। मुकेश सिंह उन 6 आरोपियों में शामिल था जिन्होंने 2012 में निर्भया गैंगरेप को अंजाम दिया था। खबरों की माने तो मुकेश सिंह की दया याचिका की फाइल गुरूवार रात राष्ट्रपति के पास भेजी थी।
हाई कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली पटियाला कोर्ट ने चारो आरोपियों को फांसी की सजा दी है उसमे कुछ गलत नहीं है। निर्भया गैंगरेप के चारो आरोपियों को पटियाला कोर्ट ने 22 जनवरी सुबह सात बजे फांसी देने की सजा सुनाई थी। निभाया के चारो आरोपियों की फांसी में देरी होने की संभावना है क्योंकि राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज करने के कम से कम 14 दिनों के बाद ही सजा दी जा सकती है।
President Ram Nath Kovind rejects the mercy petition of 2012 Delhi gang-rape case convict Mukesh Singh
— ANI Digital (@ani_digital) January 17, 2020
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छह में से चार आरोपियों को दिल्ली कोर्ट ने फांसी की सजा दी थी, जबकि 1 आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी वहीँ दूसरे नाबालिग आरोपी को सुधारगृह भेज दिया गया था जो अब रिहा हो गया है।
12 जनवरी को हुई इस घटना के बाद से ही पूरे देश में चारों दोषियों को फांसी की सजा देने के लिए मांग उठी थी। अब करीब 7 साल बाद निर्भया के दोषियों को फांसी की उम्मीद तेज हो गई है।
निर्भया के पिता ने किया फैसले का स्वागत
निर्भया के पिता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के फैसले को लेकर कहा कि हमें खुशी है कि उन्हें फांसी के फंदे तक पहुंचाने की संभावना बढ़ गई है। हमें भरोसा है कि जैसे ही वह दया याचिका डालेंगे, उसे फिर से रद्द कर दिया जाएगा। चारों को 22 जनवरी को फांसी दी जानी है।
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