Presidential Election: शिवसेना NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी, संजय राउत ने बताई फैसला लेने की ये वजह

Presidential Election: शिवसेना NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी, संजय राउत ने बताई फैसला लेने की ये वजह
X
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने ये फैसला लिया है कि पार्टी द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी।

भाजपा नीत राजग (NDA) की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को शिवसेना (Shiv Sena) ने वोट देने का फैसला लिया है। ये जानकारी शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरन दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने ये फैसला लिया है कि पार्टी द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी। ये हमारी इच्छा और आदिवासी के प्रति सम्मान है। ये राजनीतिक समर्थन नहीं है, ये हमारी भावना है।

रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज मुंबई पहुंचेंगी। यहां पर वह बीजेपी सांसदों, विधायकों और शिंदे समूह के विधायकों से बातचीत करेंगी और उनसे वोट डालने की अपील करेंगी। चूंकि शिवसेना ने भी मुर्मू का समर्थन किया है, मुर्मू मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात कर सकती हैं।

द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का निर्णय राजनीतिक नहीं

संजय राउत ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का निर्णय राजनीतिक नहीं है। शिवसेना में कई आदिवासी कार्यकर्ता हैं। आदिवासी कार्यकर्ताओं ने जोर दिया तो ये फैसला लिया गया। यह निर्णय आदिवासियों के प्रति अच्छी भावना से लिया गया है। हमने राजनीति से परे जाकर ये निर्णय लिया। शिवसेना पहले भी ऐसे फैसले ले चुकी है। इससे पहले प्रतिभा पाटिल को महाराष्ट्र की बेटी के तौर पर सपोर्ट किया था। प्रणब मुखर्जी का भी समर्थन किया था। यह शिवसेना की परंपरा है। राउत ने कहा कि हमारा इरादा सही व्यक्ति को वोट देना है।

कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया

राउत ने आगे कहा कि नंदुरबार, धुले, मेलघाट में आदिवासी समाज बड़ा है। हमारे कई विधायक आदिवासी हैं और इन क्षेत्रों से चुने गए हैं। उद्धव ठाकरे ने यह फैसला उनकी भावनाओं को समझकर लिया गया है। द्रौपदी मुर्मू पिछड़े क्षेत्र से आई हैं। यह राष्ट्र की भावना है कि उन्हें राष्ट्रपति बनना चाहिए। इसलिए, हमने चुनाव और राजनीतिक लाभ और हानि का गणित नहीं देखा है।

Tags

Next Story