दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का कल PM मोदी करेंगे उद्घाटन, जानें इस एक्सप्रेसवे की खासियत

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का कल PM मोदी करेंगे उद्घाटन, जानें इस एक्सप्रेसवे की खासियत
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दिल्ली-दौसा-लालसोट तक का पहला फेज बनकर तैयार हो चुका है। 12 फरवरी को पीएम मोदी इसका उद्घाटन कर इसे देश को समर्पित करने वाले हैं। पढ़िये इस एक्सप्रेसवे की खासियत...

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर। इस भव्य और आधुनिक एक्सप्रेवे का दिल्ली-दौसा-लालसोट तक का पहला फेज बनकर तैयार हो चुका है। पीएम नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को इसका उद्घाटन करेंगे। 1386 किमी के इस एक्सप्रेसवे में सोहना से दौसा का खंड है, जो दिल्ली-जयपुर जाने वालों के लिए वैकल्पिक और बेहतर मार्ग साबित होने वाला है।

इसके साथ ही एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से जयपुर के बीच की दूरी को आसानी से तय किया जा सकेगा। भारत सरकार के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को लेकर देश की जनता बेहद खुश है। इस हाइवे के बनने के बाद लोग सोशल मीडिया के जरिए परिवहन मंत्री की तारीफ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को राजस्थान के दौसा में इस एक्सप्रेसवे के खंड का उद्घाटन करेंगे, वहीं दूसरी तरफ हरियाणा के सोहना में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यहां परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस खंड का उद्घाटन करेंगे।

जानिए इस ऐक्सप्रेसवे में क्या कुछ है खास

  • इस दिल्ली-मुबंई एक्सप्रेसवे में सबसे ज्यादा खास बात यह है कि यह दिल्ली और मुबंई के बीच की दूरी को 180 किमी कम कर देगा। इससे लोगो की यात्रा सुगम और आसान हो जाएगी।
  • इस एक्सप्रेसवे पर 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज होंगे, जो कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी को जोड़ने में मदद करेगा।
  • इस एक्सप्रेसवे की खासियत है कि यह देश के पांच राज्यों से होकर गुजरेगा, ये राज्य है दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र।
  • इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में 12 लाख टन सरिया का इस्तेमाल किया गया है। इसमें हावड़ा ब्रिज के बराबर सरिया का उपयोग किया जा रहा है।
  • इस एक्सप्रेस-वे के बनने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा को 3.30 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा।
  • दिल्ली और मुम्बई एक्सप्रेस वे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस पूरे एक्सप्रेस वे पर कहीं भी टोल गेट नहीं लगाए गए हैं यानी सफर के दौरान यात्रियों को बार-बार टोल के लिए रुकना नहीं पड़ेगा। प्रत्येक 50 किलोमीटर पर एंट्री और एग्जिट के लिए गेट हैं, जहां टोल खुद-ब-खुद कट जाएगा। इस तरह यात्रियों का समय भी बचेगा।

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