प्रयागराज में प्रियंका गांधी बोलीं- एनजीटी के नाम पर निषाद समुदाय को गुमराह कर रही भाजपा सरकार

प्रयागराज में प्रियंका गांधी बोलीं-  एनजीटी के नाम पर  निषाद समुदाय को गुमराह कर रही भाजपा सरकार
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कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने इससे पहले 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पर प्रयागराज आकर संगम तट पर स्नान किया था। उन्होंने यहां नाव की भी सवारी की थी। इस दौरान नाविक सुजीत निषाद ने कांग्रेस महासचिव को बांसवार गांव की घटना से अवगत कराकर पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने की विनती की थी। उनके निमंत्रण पर ही प्रियंका आज बांसवार गांव पहुंची हैं।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी निषाद समाज के लोगों से मिलने के लिए आज प्रयागराज के बांसवार गांव पहुंची। कांग्रेस का कहना है कि पुलिस ने इस समाज के लोगों पर ज्यादती की, लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से भी कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रियंका ने निषाद समाज के लोगों को भरोसा दिलाया कि वह उनकी पीढ़ा को सड़क से संसद तक उठाएंगी और इंसाफ दिलाकर रहेंगी।

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि भाजपा सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नाम पर निषाद समुदाय को गुमराह कर रही है। पहले की सरकारों ने भी निषाद समुदाय को केवल वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया है। उन्होंने निषाद समाज को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज को संसद में भी उठाएंगी। जब तक निषाद समुदाय के लोगों को इंसाफ नहीं मिलेगा, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगी। प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर उन्हें वो सब सुविधाएं मिलेंगी, जिसके वे सही मायने में हकदार हैं। उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं को भी निषाद समुदाय के लोगों की हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया।

प्रियंका गांधी के निर्देश पर यूपी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल पहले ही इन लोगों से मुलाकात कर चुका है, लेकिन प्रयागराज दौरे के दौरान एक नाविक ने कांग्रेस महासचिव को स्वयं गांव के हालात देखने और पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने की विनती की थी। ऐसे में प्रियंका उनकी आवाज प्रशासन और सरकार तक पहुंचाने के लिए बांसवार गांव पहुंची हैं। वे यहां पर उन नावों को भी देखेंगी, जो कि पुलिस कार्रवाई के दौरान क्षतिग्रस्त हो गईं थीं। हालांकि यूपी कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि प्रियंका गांधी के दौरे से पहले इन नावों को ठीक कराने वाला प्रशासन बताए कि किसके कहने पर और क्यों इन नावों को तोड़ा गया था।

प्रियंका का दो सप्ताह के भीतर प्रयागराज का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले 11 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज पहुंची थी, जहां उन्होंने संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाई थी। यहां उन्होंने नाव की भी सवारी की थी। इस दौरान सुजीत निषाद नाम के नाविक ने उन्हें बांसवार गांव के पीड़ितों का हाल सुनाते हुए गांव में आने का निमंत्रण दिया था और गुहार लगाई थी कि पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए मदद कीजिए।

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ये है मामला

बांसवार वही गांव है, जहां पर बालू माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाने के दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने निर्दोष लोगों पर लाठीचार्ज किया और बेकसूर नाविकों की नावों को भी तोड़ डाला। वहीं प्रयागराज प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि बालू खनन की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची टीम पर माफियाओं के इशारे पर हमला किया गया। ऐसे में पुलिस को हालात नियंत्रण में करने के लिए कार्रवाई करनी पड़ी।

राजनीति तेज

निषाद समाज के लोगों के आरोपों और जिला प्रशासन के स्पष्टीकरण से इतर इस मुद्दे पर राजनीति शुरू से तेज है। घटना सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने इसके लिए योगी सरकार को घेरा था और आरोप लगाया था कि निषाद समाज के लोगों से ज्यादती की गई। हालांकि ग्रामीणों ने शुरू में मिलने पहुंचे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद को दौड़ाकर गांव से बाहर निकाल दिया था, लेकिन करीब दस दिन बाद मिलने पहुंचे कांग्रेसी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर अपना दर्द बयां किया था। अब प्रियंका गांधी के यहां पहुंचने के बाद राजनीति और तेज हो सकती है।

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