मालदीव-श्रीलंका के बाद ईरान में फंसे भारतियों को निकालेगी सरकार, समुद्र सेतू अभियान के तहत शुरू की प्रक्रिया

कोरोना संकट के बीच मालद्वीप और श्रीलंका के बाद अब नौसेना ने समुद्र सेतु अभियान के जरिए ईरान में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने की प्रक्रिया की सोमवार से शुरूवात कर दी है। इसके लिए नौसेना का शार्दुल युद्धपोत ईरान के बंदर ए अब्बास बंदरगाह पर पहुंच चुका है और यहां से वह भारतीयों को लेकर गुजरात के पोरबंदर पहुंचाएगा।
जिसके बाद सभी को एक नियत समय अवधि तक प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई चिकित्सकीय सुविधाओं में रहना होगा। नौसेना द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक ईरान में मौजूद भारतीय दूतावास के अधिकारी एक सूची तैयार कर रहे हैं, जिसमें उन लोगों के नाम शामिल किए जा रहे हैं जो भारत वापसी के इच्छुक हैं।
शार्दुल युद्धपोत पर इनकी रवानगी से पहले दूतावास की तरफ से जरूरी एसओपी का पालन किया जाएगा। इसमें सभी नागरिकों की कागजी प्रक्रिया के अलावा मेडिकल स्क्रीनिंग भी शामिल है। गौरतलब है कि इस साल की शुरूवात में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों में चीन, इटली, अमेरिका, ब्रिटेन और ईरान भी शामिल रहे हैं।
2 हजार 874 पहुंचे भारत
बीते मई महीने के पहले सप्ताह में शुरू किए गए समुद्र सेतु अभियान के जरिए अब तक नौसेना के जलाश्वा और मगर जैसे दो यद्धपोतों के जरिए मालद्वीप और श्रीलंका से कुल करीब 2 हजार 874 भारतीयों को केरल के कोच्चि और तमिलनाडु के तूतीकोरिन तक वापस लाया जा चुका है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए ही अब ईरान में फंसे हुए देश के लोगों को वापस लाया जा रहा है।
शार्दुल में आईशोलेशन कंपार्टमेंट
शार्दुल में कोविड-19 से जुड़े हुई एसओपी, प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। साथ ही इसमें अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ, डॉक्टर, हाईजीनिस्ट, न्यूट्रिशनिस्ट, मेडिकल स्टोर, राशन, पीपीई उपकरण, फेस मॉस्क और लाइफसेविंग गेयर भी रखे गए हैं। समुद्री यात्रा के दौरान किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए युद्धपोत में अलग से एक विशेष आईशोलेन कंपार्टमेंट भी बनाया गया है।
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