गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विरोध, भारतीय नौसेना ने कार्यक्रम किया रद्द

गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विरोध, भारतीय नौसेना ने कार्यक्रम किया रद्द
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भारतीय नौसेना ने यहां पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इस बीच आज गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने इसे भारत विरोधी गतिविधि करार दिया। मुख्यमंत्री का कहना है कि भारत विरोधी तत्वों की इन कोशिशों से सख्ती से निपटा जाएगा।

पूरे भारत में 15 अगस्त दिन रविवार को 75वां स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। लेकिन 15 अगस्त से एक पहले ही दक्षिण गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर तिरंगा फहराने को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि द्वीप पर वे नहीं चाहते कि केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारी झंडा फहराए। लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी अधिकारियों पर कतई भरोसा नहीं है।

मिली जानकारी के अनुसार इसके बाद भारतीय नौसेना ने यहां पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है। इस बीच आज गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने इसे भारत विरोधी गतिविधि करार दिया। मुख्यमंत्री का कहना है कि भारत विरोधी तत्वों की इन कोशिशों से सख्ती से निपटा जाएगा।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर भारतीय नौसेना से अपील की है कि वो अपने तय कार्यक्रम के हिसाब से वहां झंडा फराए। साथ ही मुख्यमंत्री ने गोवा पुलिस से पूर्ण सहयोग का आश्वासन भी दिया। ये दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि सेंट साओ जैसिंटो द्वीप पर कुछ लोगों ने भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने पर आपत्ति जताई है। मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं और कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार इस तरह के कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कार्यक्रम के रद्द हो जाने के बाद भारतीय नौसेना ने कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, रक्षा मंत्रालय ने 13 से 15 अगस्त के बीच देश भर के द्वीपों में तिरंगा फहराने का प्लान बनाया है। गोवा नौसेना क्षेत्र ने इस पहल के तहत साओ जैसिंटो द्वीप सहित गोवा के बाक़ी द्वीपों का दौरा किया। लेकिन जैसिंटो द्वीप पर इस कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा। क्योंकि, यहां के लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विरोध किया था। ये पहल देश भर में देशभक्ति की भावना जगाने और आजादी के 75वें वर्ष तक जश्न मनाने के लिए की गई थी।

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