गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च में शामिल न होने पर लगेगा इतने रुपये का जुर्माना, जानें किसने किया ऐलान

धरने पर बैठे किसानों की गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी जोरों पर है। इस बीच ही किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन ने ट्रैक्टर मार्च में शामिन ने होने पर जूर्माना लगाने का भी ऐलान कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह संगठन अभी तक पंजाब के दो गांवों पर यह जूर्माना लगा चुका है। इसके साथ ही यूनियन से जुड़े दूसरे गांव के लोगों को भी ट्रैक्टर मार्च में शामिल ना होने पर जूर्माने की चेतावनी दी गई है।
पंजाब के संगरूर के भल्लरहेडी गांव ने जहां 2100 रुपये का जुर्माना लगाया है, वहीं मोगा के राउक कलां उन लोगों से 1200 रुपये वसूलेंगे जो गणतंत्र दिवस के ट्रैक्टर मार्च में नहीं जाना चाहते हैं। संगरूर में यह ऐलान भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) समूह के नेताओं की उपस्थिति में गुरुद्वारा गांव से की गई थी। इसमें कहा गया है कि मार्च में शामिल नहीं होने वाले परिवार पर 2100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। विवादित घोषणा कथित रूप से भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष जसबर सिंह, अवतार सिंह और भूपेंद्र सिंह ने स्थानीय निवासियों की उपस्थिति में की थी।
घोषणा में कहा गया है कि यह सर्वसम्मति से तय किया गया है कि जो लोग मार्च में शामिल नहीं होना चाहते हैं उन्हें 2100 रुपये का भुगतान करना होगा। आप इसे डीजल खर्च के लिए जुर्माना या योगदान मान सकते हैं लेकिन निर्णय अंतिम है। बीकेयू नेताओं ने यह भी कहा है कि जो मार्च में शामिल नहीं होंगे, उन्हें भविष्य में किसान यूनियन का कोई समर्थन नहीं मिलेगा।
आपको बता दें कि भल्लेहरी गांव में 600 घर हैं जो मार्च के लिए सौ ट्रैक्टर भेजेंगे। वहीं, मोगा के राउक कलां गांव में किसानों को ट्रैक्टर मार्च के लिए प्रति एकड़ 100 रुपये का योगदान देने के लिए कहा गया है। किसान नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि हम मार्च में शामिल होने के लिए ट्रैक्टर मार्च को सफल बनाना चाहते हैं और इस गांव के 80 से अधिक ट्रैक्टरों की उम्मीद कर रहे हैं।
गुरनाम सिंह ने कहा कि जो लोग इनकार कर रहे हैं, उन्हें 1200 रुपये का भुगतान करना होगा। इस बीच, स्वयंसेवक बड़ी संख्या में लोगों को मार्च में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। प्रत्येक परिवार से कम से कम एक सदस्य को मार्च का समर्थन करने के लिए कहा गया है। पंजाब के कई गांवों में महिलाओं को ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। महिलाओं की ट्रेनिंग से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसानों में इस ट्रैक्टर मार्च के लिए कितन उत्साह है।
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