राफेल भारत में लैंड भी कर गए मगर राहुल जी अभी भी 'Take off' नहीं कर पाए: राजनाथ सिंह

राफेल भारत में लैंड भी कर गए मगर राहुल जी अभी भी Take off नहीं कर पाए: राजनाथ सिंह
X
कांग्रेस की सरकारों ने इस देश में लोगों का भला करने के बजाय खुद का भला करने में ज्यादा भरोसा किया। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया और यहां तक कि उसे हर जगह Institutionalise किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि दिल्ली में 100 पैसा चलता है तो 16 पैसे ही नीचे पहुंचते हैं, बाकी बीच में ही गायब हो जाता है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) ने आज गुजरात (Gujarat) के केवड़िया (Kevadia) में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का दौरा किया और सरदार वल्लभभाई पटेल को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद डिफेंस एक्सपो-2022 के आयोजन के लिए रक्षा मंत्रालय और गुजरात सरकार (Gujarat Government) के बीच केवड़िया में MOU पर हस्ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी (Chief Minister Vijay Rupani) ने बताया कि इस बार डिफेंस एक्सपो-2022 (Defense Expo-2022) का कार्यक्रम गांधीनगर में होगा, इसके लिए मैं भारत सरकार का बहुत-बहुत आभारी हूं। इस मौके पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हमें कोशिश करनी है कि इस बार डिफेंस एक्सपो में प्रतिभागियों की संख्या बढ़े। पिछली बार 70 देशों ने भाग लिया था। इस बार हमें कोशिश करनी चाहिए की 100 से ज़्यादा देश इसमें भाग ले। भारत को हम रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।

इसके अलावा राजनाथ सिंह ने कहा कि गुजरात में भाजपा की सफलता इतने लम्बे समय से इसलिए क़ायम है क्योंकि यहां सत्ता के माध्यम से पार्टी ने लोगों की जिंदगी बदली है। खासतौर पर 'Politics of Performance' को जो मायने यहां भाजपा ने दिए हैं उसने प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में राजनीतिक तौर तरीकों को बदला है। इस बदलाव में 'लोक लाडिला' नरेन्द्र भाई का बहुत बड़ा योगदान है। पहले 13 साल यहां मुख्यमंत्री रहते हुए और अब सात सालों से देश के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने Politics of Performance और 'Last Mile Delivery' की दिशा में काम किया है। पूज्य बापू अक्सर कहा करते थे कि देश में नीतियां बनाते समय हम इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए कि नीतियों से समाज की अंतिम सीढ़ी पर खडे़ व्यक्ति को क्या लाभ होगा।

काँग्रेस पार्टी ने गांधी का नाम खूब इस्तेमाल किया

काँग्रेस पार्टी ने गांधी का नाम खूब इस्तेमाल किया। यहां तक कि गांधी नाम भी रख लिया, मगर गांधीजी का काम उन्होंने छोड़ दिया। समाज के अंतिम व्यक्ति का उत्थान भाजपा और उसमें पहले जनसंघ के जमाने से हमारा मूल मंत्र रहा है। एकात्म मानवाद और अंत्योदय का चिंतन हमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमारी राजनीतिक परम्परा और संस्कार के रुप में दिया है। यह गरीबों के प्रति हमारी पार्टी की संवेदनशीलता का उदाहरण है कि जब पूरे देश में कोरोना का संकट था तो प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वास्थ्य रक्षा के साथ-साथ गरीबों को 'अन्न सुरक्षा' की भी चिंता की।

कांग्रेस की सरकारों ने इस देश में लोगों का भला करने के बजाय खुद का भला करने में ज्यादा भरोसा किया। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया और यहां तक कि उसे हर जगह Institutionalise किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि दिल्ली में 100 पैसा चलता है तो 16 पैसे ही नीचे पहुंचते हैं, बाकी बीच में ही गायब हो जाता है। आज हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने DBT की ऐसी व्यवस्था बना दी है कि दिल्ली से चलने वाला हर रुपया गरीब के बैंक के खाते में सीधा पहुंचता है। मैं किसानों का उदाहरण आपके सामने रखना चाहुंगा। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कृषि के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा था 'Everything Else Can Wait, Not Agriculture'।

छोटे किसानों की समस्याएं क्या है इस पर कांग्रेस का ध्यान ही नही था। जबकि दीनदयाल जी साठ के दशक में ही कह रहे थे 'हर खेत को पानी, हर हाथ को काम'। किसानों के सशक्तिकरण के लिए ही पिछले साल सरकार ने तीन कृषि कानून का निर्माण किया और किसानों को हर तरह के बंधन से मुक्त कर दिया गया। किसानों के साथ-साथ इस देश में जवानों की भी चिंता करने की भी परम्परा हमारे दल में रही है। यद्यपि सबसे पहले 'जय जवान-जय किसान' की बात शास्त्रीजी ने कही थी मगर कांग्रेस सरकारों की विडंबना यही रही है कि उन्होंने कभी न तो किसानों के प्रति संवेदनशीलता रखी न जवानों के प्रति।

आतंकवादियों के मंसूबो को हमने कामयाब नहीं होने दिया

यदि ऐसा नही होता तो वन रैंक वन पेंशन का मुद्दा चालीस सालों तक लम्बित नही रहता। इस देश के पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन देकर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सैनिकों को उनका अधिकार दिया है। आतंकवादियों के मंसूबो को हमने कामयाब नहीं होने दिया है, यही कारण है कि देश में कोई बड़ी आतंकवादी घटना पूरे देश में पिछले सात सालों में होने नहीं पाई है। आज आतंकवादियों को भी पता है कि वे अपनी शरणगाह में भी सुरक्षित नही बचेंगे। उरी में एक घटना हुई तो हमारी सेना ने सीमा पार जाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।

जब पुलवामा की घटना हुई तो हमारी बहादुर वायु सेना ने बालाकोट में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में सीमा के पार जाकर कारवाई की। यानि आतंकवाद के खिलाफ अब हम सीमा के भीतर ही नहीं सीमा के उस पार भी जाकर कारवाई करने में सक्षम हैं। हमारे लिए भारतीय नागरिक की जान-माल की रक्षा करना एक बड़ा संकल्प है। इसलिए जब भारतीय नागरिकों की रक्षा का प्रश्न आता है तो विदेशों से भी सुरक्षित निकालने के लिए हमारी सरकार बढ़-चढ़ कर काम करती है। धारा 370 के खिलाफ उन्होंने जो आंदोलन शुरू किया उसके लिए उन्होंने अपना बलिदान तक कर दिया। हम सत्ता में नहीं थे मगर धारा 370 को समाप्त करना हमारी वैचारिक प्रतिबद्धता का हिस्सा रहा है।

अब अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण चल रहा है मगर यहां तक पहुंचने के लिए भाजपा और राष्ट्रीय विचारधारा से जुड़े लोगों और संगठनों ने बड़ी कुर्बानी दी है। हमने इस आंदोलन में अपनी राज्य सरकारों की कुर्बानी दे दी। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि आज हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे बड़ी राजनीतिक और लोकतांत्रिक पार्टी है। 18 करोड़ से अधिक सदस्य की ताकत किसी और संगठन के पास नही है। दुनिया के 90 फीसदी आबादी 18 करोड़ नहीं है। गुजरात में संगठन की बात करना एक सहज बात है क्योंकि इस प्रदेश में कार्यकर्ताओं को कार्य की स्पष्टता और समझ बहुत अच्छी है। सौभाग्य से इस प्रदेश में जो ऊंचे पदों पर भी बैठते है उनका कार्यकर्ता भाव कभी खत्म नहीं होता है।

प्रधानमंत्री पद की मोदीजी ने शपथ ली और वे हर साल अपनी सरकार का रिपोर्ट-कार्ड जनता के सामने जरूर रखते है। इसे मैं कहता हूं 'Politics of Accountability' यानि जिस जनता ने आपको जनादेश दिया है उसको यह बताया जाना चाहिए कि आपने हमें सत्ता में भेजा तो हमने यह काम किया है। अगले साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है और गुजरात में भी विधानसभा चुनाव है। उन पर केवल प्रदेश की जनता ही नहीं देश विदेश के राजनीतिक समीक्षकों की निगाह लगी है। आपने सुना होगा कि कुछ राजनीतिक समीक्षक यह मानते हैं कि अब भाजपा चुनाव जीतने की मशीन बन चुकी है। मगर मेरा मानना है कि आज भाजपा देशवासियों का भरोसा जीतने की जमीन बना चुकी है।

देश का गरीब जगन्नाथ है, किसान हमारा बद्रीनाथ है

हमारे लिए सत्ता में आना एक अवसर है जनसेवा का, समाज सेवा का, देश सेवा का। हमारे लिए हमारा देश हमारा सोमनाथ है, इस देश का गरीब जगन्नाथ है, किसान हमारा बद्रीनाथ है, सैनिक और सुरक्षा बल हमारे लिए केदारनाथ है। इनके लिए काम करना हमारे लिए नारायण सेवा से कम नहीं है। भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में चुनावी लक्ष्य से हमें आगे देखने की जरूरत है। और आगे देखने के लिए भी जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने लाल किले की प्राचीन से कहा है कि 'यही समय है, सही समय है, भारत का अनमोल समय है।' आज देश भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है जिसे हमने 'अमृत महोत्सव' का स्वरूप दिया है। यह अमृत महोत्सव 140 करोड़ भारतवासियों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने का संकल्प लेने का है।

अगले 25 वर्षों में हम भारत को किस रूप और स्वरूप में देखना चाहते हैं यह 'अमृत महोत्सव' वह संकल्प लेने का समय है। लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री जी ने एक खाका खींचा है। हमें उस पर काम करने की जरूरत है। 'आत्मनिर्भर भारत' बनाने की दिशा में हमें सबसे पहले रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करनी है। यह काम बहुत चुनौतीपूर्ण है मगर हमने शुरुआत कर दी है। इसके अलावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए एक रोड मैप बनाया गया है। भारत में रक्षा उत्पादन को बढ़ावा दिया गया है। भारत में बने Defence Equipment की खरीद के लिए कुल खरीद का 64 फीसदी हिस्सा सुरक्षित है। यदि भारत को आत्मनिर्भरता का लक्ष्य पाना है तो गुजरात की भूमिका उसमें अग्रणी होने वाली है। यहां मैन्यूफैक्चरिंग और उद्योग धंधों की संस्कृति और संस्कार मौजूद है। गुजरात को आत्मनिर्भर भारत के 'प्रकाश स्तम्भ' की भूमिका निभानी होगी।

राफेल भारत में लैंड भी कर गए मगर राहुल जी अभी भी 'Take off' नही कर पाए

एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में हमें अपने विरोधियों का सम्मान तो करना चाहिए मगर उन पर अपनी ऊर्जा और समय एक सीमा तक ही खर्च करनी चाहिए। जब विरोधियों के पीछे हाथ धोकर कोई पड़ता है तो उसका नतीजा 'राहुल गांधी' होता है। कांग्रेस और राहुल गांधी ने अनावश्यक राफेल का मुद्दा बनाया। नतीजा क्या हुआ? राफेल फ्रांस में तैयार हो गए। राफेल भारत में लैंड भी कर गए मगर राहुल जी अभी भी 'Take off' नही कर पाए है। एक 'Rag Tag Coalition' बनाया जा रहा है। लोकतंत्र में विरोध करने में बुराई नहीं है। मगर विरोध के लिए विरोध करने की कोशिश की जा रही है। संसद का एक पूरा सत्र ठीक से चलने नहीं दिया गया।

Tags

Next Story