Rahat Indori: नहीं रहे राहत इंदौरी, कहते थे- 'मौत कल आती है आज आए, डरता कौन है'

मशहूर शायर राहत इंदौरी हमारे बीच नहीं रहे। उनकी मौत ने शायरी की दुनिया में हलचल मचा दी। बता दें कि रविवार को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन आज लगातार दो बार हार्ट अटैक आने के बाद अस्पताल में ही उनकी मौत हो गई।
इंदौर में हुआ था जन्म
राहत इंदौरी का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। शुरूआती शिक्षा उन्होंने इंदौर के नूतन स्कूल से हासिल की। इसके बाद उन्होंने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय और भोज विश्वविद्यालय से अपने आगे की पढ़ाई की।
राहत इंदौरी के पिता राफतुल्लाह कुरैशी कपड़ा मिल में काम करते थे और उनकी मां मकबूल उन निशा ने अपने बच्चों के परवरिश को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था। राहत इंदौरी तीन भाई-बहन थे।
10 साल तक नहीं समझ पाए जीवन का लक्ष्य क्या है
राहत इंदौरी ने 1973 में स्नातक किया। लेकिन उसके बाद दस साल तक वो समझ नहीं पाए कि उनकी रुचि किसमें हैं। लेकिन फिर उन्होंने उर्दू साहित्य से एमए किया और स्वर्ण पदक भी हासिल किया। इसके बाद बतौर शिक्षक उन्होंने 16 वर्षों तक कार्य किया।
मौत कल आती है आज आए, डरता कौन है
आज उनकी मौत के बाद उनकी लिखी एक गजल को दोहराने का दिल कर रहा है:-
Rahat Indori Ghazal, Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Poetry
राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है
मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है
Rahat Indori Ghazal, Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Poetry
सब ही अपनी तेजगामी के नशे में चूर हैं
लाख़ आवाज़ें लगा लीजे ठहरता कौन है
Rahat Indori Ghazal, Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Poetry
हैं परिंदों के लिए शादाब पेड़ों के हुजूम
अब मेरी टूटी हुई छत पर उतरता कौन है
Rahat Indori Ghazal, Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Poetry
तेरे लश्कर के मुक़ाबिल मैं अकेला हूँ मगर
फ़ैसला मैदान में होगा कि मरता कौन है
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