राहुल गांधी ने वैक्सीनेशन को लेकर मोदी सरकार को घेरा, ट्वीट के साथ शेयर किया एक ग्राफ

राहुल गांधी ने वैक्सीनेशन को लेकर मोदी सरकार को घेरा, ट्वीट के साथ शेयर किया एक ग्राफ
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राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि इस संक्रमण को रोकना सिर्फ वैक्सीनेशन के जरिए है। इस महामारी को काबू में करने की एक चाबी वैक्सीनेशन है। लेकिन लगता है कि सरकार को परवाह नहीं है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार केंद्र सरकार की कमियों को लेकर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में महामारी का दौर जारी है और एक बार फिर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाते हुए वैक्सीनेशन पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि इस संक्रमण को रोकना सिर्फ वैक्सीनेशन के जरिए है। इस महामारी को काबू में करने की एक चाबी वैक्सीनेशन है। लेकिन लगता है कि सरकार को परवाह नहीं है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट के साथ एक ग्राफ साझा किया। जिसमें उन्होंने टीकाकरण की संख्या में हो रही गिरावट को दिखाया है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल से लेकर 20 मई तक जिसमें लगातार वैक्सीनेशन की रफ्तार में कमी देखी गई है।




टीकों की कमी के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह इसे लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि वैक्सीनेशन ही महामारी को काबू में करने की चाबी है, लेकिन लगता है भारत सरकार को इसकी परवाह नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ बीते रविवार को राहुल गांधी ने गंगा में बेहते शवों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा था। इस दौरान उन्होंने ट्वीट कर लिखा था कि मुझे शवों के फोटो शेयर करना अच्छा तो नहीं लगता। लेकिन देश और दुनिया इन फोटो को देखकर दुखी हो रही है। मुझे मजबूरी में यह शेयर करना पड़ रहा है। उन्होंने ट्वीट कर आगे लिखा कि देश-दुनिया फ़ोटो देखकर दुखी है। लेकिन जिन्होंने मजबूरी में मृत प्रियजनों को गंगा किनारे छोड़ दिया। उनका दर्द भी समझना होगा। गलती उनकी नहीं है।

पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को घेरा

वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने दिल्ली समेत कुछ राज्यों में 18 साल से ज्यादा उम्र के वैक्सीनेशन रूकने का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने भी ट्वीट कर लिखा है कि दिल्ली और तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र में भी वैक्सीन की कमी हो रही है। कई जगहों पर सेंटर बंद हो चुके हैं। फिर भी केंद्रीय गृह मंत्री और गृह मंत्रालय ने टीकों की किसी भी कमी से इनकार किया है।

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