Telangana Assembly Elections के लिए कांग्रेस CEC की बैठक में शामिल हुए राहुल गांधी, उम्मीदवारों के नामों पर हुआ मंथन

Telangana Assembly Elections: तेलंगाना समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी पुरजोर कोशिश से जुट गई है। इसको लेकर पार्टी विधानसभा चुनाव वाले सभी राज्यों में बड़े नेताओं की सभाओं की तैयारियों में जुटी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को आगामी तेलंगाना विधानसभा चुनाव पर केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में भाग लेने के लिए एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) मुख्यालय पहुंचे। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल रहे। बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में 30 नवंबर को मतदान होने वाले हैं।
तेलंगाना में त्रिकोणीय मुकाबला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तेलंगाना में अभी भारत राष्ट्र समिति की सरकार है। आगामी विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर मुकाबला बहुत पेचीदा नजर आ रहा है। तेलंगाना में भाजपा, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है।
बता दें कि 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में, बीआरएस यानी भारत राष्ट्र समिति 119 में से 88 सीटें जीतकर सत्ता में आई थी। उस दौरान बीआरएस का उसका वोट शेयर 47.4 प्रतिशत था। वहीं कांग्रेस 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। उसका वोट शेयर 28.7 फीसदी था।
इससे पहले MP चुनाव के मद्दे नजर हुई थी बैठक
गौरतलब है कि इससे पहले दिन में कांग्रेस ने दिल्ली में AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) मुख्यालय में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर CEC की बैठक की। इस मौके पर बैठक में भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और पार्टी के अन्य नेता शामिल हुए।
17 नवंबर को मध्य प्रदेश में डाले जाएंगे वोट
मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव के माध्यम से, राज्य 230 विधानसभा क्षेत्रों से विधायकों का चुनाव करेगा। राज्य में एक चरण में चुनाव कराया जाएगा और मतगणना 3 दिसंबर को होगी।
बताते चलें कि मध्य प्रदेश 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 41.5 फीसदी वोट शेयर के साथ 114 सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी को 41.6 फीसदी वोट शेयर के साथ 109 सीटें ही जीत पाई थी। दोनों पार्टियों के बीच हार जीत का सिर्फ 5 सीटों का अंतर था।
इसी के साथ पिछले राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सत्ता में आई थी, और अनुभवी नेता कमल नाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी से बगावत कर दी और बीजेपी में चले गए। उनके साथ पार्टी के कुछ विधायक भी चले गए। जिससे कांग्रेस की सरकार गिर गई।
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