Rahul Gandhi Defamation Case: मोदी राज में राहुल गांधी पर पांच मानहानि केस, एक में सजा, जानें बाकी चार मामलों की पूरी कहानी

Rahul Gandhi Defamation Case: मोदी राज में राहुल गांधी पर पांच मानहानि केस, एक में सजा, जानें बाकी चार मामलों की पूरी कहानी
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने उन्हें गुरुवार यानी 23 मार्च को दोषी करार दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा भी सुनाई है। राहुल गांधी पर 2014 के बाद से अब तक पांच मानहानि केस दर्ज किए गए हैं।

Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में सूरत की सेशन कोर्ट ने उन्हें गुरुवार यानी 23 मार्च को दोषी करार दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा भी सुनाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा IPC 504 के तहत राहुल गांधी को दोषी करार दिया। हालांकि, सजा मिलने के बाद ही राहुल गांधी को बेल भी मिल गई। चलिए अब आपको बताते हैं राहुल गांधी पर 2014 के बाद से अब तक किए गए मानहानि के सारे मामलों की पूरी कहानी।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2014 में सबसे पहला मानहानि का हुआ था। राहुल पर ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। इस में IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज है। महाराष्ट्र के भिवंडी में राहुल गांधी ने एक भाषण के दौरान RSS पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। इसके बाद संघ के ही एक कार्यकर्ता ने राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था।

इसके बाद राहुल गांधी के खिलाफ साल 2016 में असम के गुवाहाटी में मानहानि का केस दर्ज किया गया था। यहां भी राहुल के खिलाफ धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज किया गया था। राहुल गांधी ने कहा था कि 16 वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। राहुल के इस आरोप से संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। इसको लेकर ही उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

इसके बाद इसी साल 2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ था। राहुल के खिलाफ ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को बीजेपी और संघ की विचारधारा से जोड़ा था। इसके बाद ये केस संघ के ही एक कार्यकर्ता ने दायर किया था।

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