Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सांसदी पर छाया खतरों का बादल, छीन सकती है सदस्यता, जानें वजह

Rahul Gandhi: राहुल गांधी की सांसदी पर छाया खतरों का बादल, छीन सकती है सदस्यता, जानें वजह
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बीजेपी सांसद और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर भारत की संसद और लोकतंत्र को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सांसदी छीनी जा सकती है। पढ़िये क्या है नियम-कानून...

Rahul Gandhi : भारतीय संसद के इतिहास के पन्नें को पलटकर देखा जाए तो 1976 में एक ऐसी ही मामला सामने आया था, जिसमें राज्यसभा के सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी को देश के संबंध में आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के आरोप में सदन से बाहर किया गया था। अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की सांसदी पर बादल मंडरा गए हैं। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू का कहना है कि राहुल ने लंदन में भारतीय लोकतंत्र का अपमान किया, उसके चलते सांसदी छीनी जानी चाहिए।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहुल गांधी के ऊपर आरोप है कि भारत की संसद और लोकतंत्र को लेकर लंदन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में टिप्पणी की थी। उस टिप्पणी को लेकर बीजेपी संसद और कई नेता चाहते हैं कि अपने दिए गए बयान पर माफी मांगें। लेकिन, इस बात से लगातार राहुल गांधी कतराते नजर आ रहे हैं।

भारत पर की गई टिप्पणी को लेकर सबसे पहले कानून मंत्री किरण रिजिजू ने राहुल के इस विवादित बयान पर घेरा। इसके बाद बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे राहुल पर अपना शिकंजा कसते हुए कहा कि गांधी के खिलाफ विशेष समिति बनाने के लिए अपना प्रस्ताव रखा। कहा कि इससे राहुल के लोकसभा सदस्यता पर खतरों का बादल मंडराता नजर आ रहा है।

लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम 223 से अवगत करते हुए लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिखा। निशिकांत दुबे ने इस पत्र में लिखा कि राहुल गांधी ने देश के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की है, जिसे लेकर जांच की मांग की। साथ ही, सदन से निष्कासित करने के लिए एक विशेष समिति गठित करने की बात कही।

दूबे ने दावा किया कि कांग्रेस वरिष्ठ नेता व सांसद राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर आभार प्रस्ताव में भाषण के जरिए भाषण तीन विशेषाधिकारों का उल्लंघन हुआ है।

जानें क्या है सांसद का विशेषाधिकार

आपको बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 105 द्वारा छूट और इसको परिभाषित किया गया है। यह अधिकार संसद के दोनों सदनों के सदस्यों को प्राप्त होते हैं, चाहे वह राज्यसभा हो या लोक सभा।

अनुच्छेद 105 द्वारा यह प्रावधान सांसदों को उनके नागरिक दायित्व से छूट देता है, जो आपराधिक नहीं कहलाते, इसको ही संसदीय विशेषाधिकार कहा जाता है।

जानें नियम 223

बता दें कि यह संसद के किसी सदस्य को दी गई विशेष अधिकार का उल्लंघन होने पर संसद साथ 223 के नियम अनुसार उल्लंघन से संबंधित प्रश्न पूछा जा सकता है। यह समिति पूरे मामले पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद रिपोर्ट तैयार करती है। फिर अगर जरूरी लगे, तो कार्रवाई की अनुशंसा करती है।

राहुल के सदस्यता जाने को खतरा

भाजपा नेता और मंत्री के द्वारा दिए गए दावे मुताबिक यह आईपीसी की धारा 124A के अधीन है। इस धारा के अंतर्गत राहुल पर राजद्रोह का मुकदमा लगाया जा सकता है। इसके मुताबिक राहुल के सदस्यता पर खतरा आने की संभावना बन रही है।

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