रेलवे के सबसे बड़े अधिकारी 'सीआरबी' ने भी छुपाया संपत्ति का ब्यौरा, जानें पूरा मामला

देश में ऊंचे पदों पर बैठे मंत्रियों से लेकर अधिकारियों की सालाना आय में पारदर्शिता बनाये रखे जाने के लिए केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक, अपनी आय और चल अचल संपत्ति दोनों की घोषणा करना जरूरी है। पर इसे छुपाने में सांसद, मंत्री के साथ-साथ अब बड़े अधिकारी भी पीछे नहीं है। कई बार घोषणा की तो जाती है पर आधी अधूरी की जाती है। कुछ ऐसे ही मामला भारतीय रेलवे के सबसे बड़े अधिकारी चेयरमैन रेलवे बोर्ड का भी सामने आया है। जहां उन्होंने अपनी आय में अपने पुशतैनी जायदाद का जिक्र नहीं किया है।
रेलवे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध अधिकारियों की प्रापर्टी रिटर्न चेयरमैन रेलवे बोर्ड श्री वीके यादव की प्रॉपर्टी रिटर्न शामिल नहीं है। पर वही इससे पहले बतौर जीएम साउथ सेंट्रल रेलवे की वेबसाइट पर यादव की जो प्रोपर्टी रिटर्न में एनसीआर के ग्रेटर नोएडा के प्लॉट का ज़िक्र तो है पर उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में उनके पैतृक गांव करण छपरा की प्रॉपर्टी का कोई जिक्र नहीं है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन तो बिल्कुल चोरों वाला काम कर रहे हैं। अपनी संपत्ति को इतनी सफाई से छुपाया पर सच कभी छुपता है क्या?
— Doctor Roshan R 🌍 (@pythoroshan) December 24, 2020
पर कमाल की बात यह है कि CVC से लेकर मंत्रालय तक किसी ने भी कोई कार्यवाही य जांच तक नहीं कि...
कुछ करिए @narendramodi जी और @PiyushGoyal जी pic.twitter.com/IRXWIvp0kW
गौरतलब है कि सभी सरकारी अधिकारियों को हर साल सरकार को अपनी चल और अचल संपती का ब्यौरा देना पड़ता है। ब्यौरा ना देना सेवा अधिनियम यानी कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन है। और इस पर वैधानिक कार्यवाही का प्रावधान है। पर सीआरबी के द्वारा पूर्व में ब्यौरे में श्री यादव ने बलिया में अपनी सम्पत्ति का विवरण सरकार को हर साल दिए जाने वाले रिटर्न में नहीं दिया। जबकि स्थानीय अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है की में यादव के नाम अचल सम्पत्ति मौजूद है। अब जब सरकार में बैठे बड़े अधिकारी की इस तरह तथ्यों को छुपायेंगे तो इसका असर लोअर ब्यूरोक्रेसी पर क्या पड़ेगा।
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