सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी की 'सांप्रदायिक झड़पों को लेकर चुप्पी' पर उठाया सवाल, शाह से की ये अपील

सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी की सांप्रदायिक झड़पों को लेकर चुप्पी पर उठाया सवाल, शाह से की ये अपील
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कुछ लोग हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। देश में माहौल पूरी तरह से खराब हो गया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने सोमवार को हाल ही में देश के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक झड़पों पर पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की चुप्पी पर सवाल उठाया है। सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दंगों की निंदा क्यों नहीं की? गृहमंत्री (Home Minister) को भी हिम्मत दिखानी चाहिए और इस संबंध में गहन जांच के आदेश देने चाहिए। यही एकमात्र तरीका है सच्चाई सामने लाने का। जांच में सामने आ जाएगा कि अशांति फैलाने की साजिश के पीछे कौन है और किस राजनीतिक दल को इससे फायदा हो रहा है।

राजस्थान के मंत्री महेश जोशी के बेटे पर लगे रेप के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने कहा- उन्हें कानून के काम करने में कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन कुछ लोग हिंसा और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के लिए कानून का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। देश में माहौल पूरी तरह से खराब हो गया है। सात राज्यों में दंगे हो चुके हैं। रामनवमी समारोह के दौरान झड़पें हुईं और उससे पहले करौली में तनाव था। इन सभी घटनाओं में एक बात समान है। हिंसा के लिए एक ही तौर-तरीकों का पालन किया गया। सीएम गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दंगों की जांच के आदेश देने का आह्वान किया है।

राहुल गांधी पीएम मोदी और भाजपा सरकार से जोश से लड़ रहे

बता दें कि सीएम ने उदयपुर में कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए तीन दिवसीय चिंतन शिविर में पार्टी के भीतर एकता के लिए भी लड़ाई लड़ी। गहलोत ने सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया कि जो भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत करता है। उसके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया जाता है। फिर भी कांग्रेस हमेशा लोगों के साथ खड़ी रहती है और रहेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी जनता तक पहुंचने और आगे जुड़ने के लिए पदयात्रा निकालेगी। कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए दावा किया कि वह एकमात्र नेता हैं जो पीएम मोदी और भाजपा सरकार से जोश से लड़ रहे हैं, गंभीर मुद्दों को उठा रहे हैं और ठोस तर्क दे रहे हैं।

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