राजस्थान: करौली हिंसा मामले पर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने, PFI का गहलोत सरकार को लेकर बड़ा दावा

राजस्थान (Rajasthan) के करौली (Karauli) जिले में हुई हिंसा (Karauli violence) के मामले पर अब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है। इसी मामले पर अब पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular front of india) की राजस्थान शाखा ने बड़ा दावा किया है और दूसरी तरफ सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से इस मामले पर संबोधन करने की अपील की है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएफआई राजस्थान ने सोमवार को एक पीसी के दौरान दावा किया कि इस हमले को लेकर सीएम अशोक गहलोत और डीजीपी को चिट्ठी लिखकर अलर्ट किया था। लेकिन सरकार और प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। पापलुर फ्रंट राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद आसिफ ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग की है और साथ ही कहा कि मुस्लिम बहुल इलाके से रैली निकालने की इजाजत दी गई।
सोमवार दोपहर को राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि पीएम देश को संबोधित करें और इस हिंसा की कड़ी निंदा करें। ताकि देश में कानून व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की हिंसा को बर्दाशत नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के बाद राजस्थान बीजेपी ईकाइ ने निशाना साधा। राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री को सलाह देने की बजाय राजस्थान की कानून व्यवस्था को मजबूत करें।
मुख्यमंत्री खुद करौली घटना के लिए जिम्मेदार हैं और मामले को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। करौली की घटना पूर्व नियोजित थी। जिसे कांग्रेस का राजनीतिक संरक्षण मिला था। बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा कि राजस्थान सरकार अपनी जिम्मेदारी दूसरों पर डालने का काम कर रही है। यह पहली बार नहीं है जब राज्य में तुष्टीकरण की राजनीति हुई है। राजनीतिक षडयंत्र और सियासी हथकंडा पर समय बर्बाद किए बिना अगर हम कानून व्यवस्था पर ध्यान दें, तो शायद राजस्थान के लिए अच्छा होगा।
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