Rajasthan Crisis: राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, जानें पूरा मामला

Rajasthan Crisis: राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, जानें पूरा मामला
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राजस्थान में चल रहे बागी विधायकों के विवाद के बीच अब राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

राजस्थान में चल रहे बागी विधायकों के विवाद के बीच अब राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। राजस्थान हाईकोर्ट में बागी विधायकों के फैसले पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में सीपी जोशी के वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे के सामने सुनवाई की। सीजेआई ने याचिका को रजिस्ट्री के सामने मेंशन करने के लिए कहा है।

राजस्थान के बागी विधायकों ने स्पीकर सीपी जोशी के कारण बताओ नोटिस के बाद हाईकोर्ट का रुख किया। जिसके बाद बागी विधायकों पर दायर की गई याचिका को कोर्ट ने आवेदन स्वीकार कर लिया। स्पीकर जोशी ने कोर्ट के कहने पर पायलट समेत 19 विधायकों पर कार्यवाही 3 दिन और टाली दिया।

बागी विधायकों को कारण बताओ नोटिस भेजने पर दी सफाई

राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया कि एक स्पीकर को बागी विधायकों को नोटिस भेजने का पूरा अधिकार है। संविधान और सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदारियां तय की है। उसी के तहत स्पीकर ने बागी विधायकों को अपना नोटिस भेजने का अधिकार है।

स्पीकर ने इस बात को लेकर की बागी विधायकों पर कार्यवाई

जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और बागी विधायक सचिन पायलट के बीच तनातनी को लेकर कई विधायक सचिन पायलट के समर्थन में आ गए थे। जिसके बाद कांग्रेस के चीफ राजस्थान में कांग्रेस व्हिप चीफ महेश जोशी ने स्पीकर से बागी विधायकों की शिकायत की और स्पीकर ने 14 जुलाई को सभी विधायकों पर दल बदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई करते हुए नोटिस भेज दिया। शिकायत में कहा गया कि सभी विधायकों को कांग्रेस की बैठक में बुलाया गया था। लेकिन पायलट खेमे के विधायक मीटिंग में नहीं पहुंचे।

कांग्रेस और भाजपा नेताओं के ऑडियो सामने

राजस्थान में कांग्रेस की सरकार गिराने के पीछे भाजपा और कुछ कांग्रेस नेताओं के हाथ बताए जा रहे हैं जिसको लेकर ऑडियो टेप सामने आए हैं इसमें केंद्रीय मंत्री का भी नाम सामने आया है टैपिंग मामले में राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी है।

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