Rajendra Prasad Birth Anniversary: आज ही के दिन हुआ था देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म, जानें उनसे जुड़े 5 अनसुने किस्से

Rajendra Prasad Birth Anniversary: आज ही के दिन हुआ था देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म, जानें उनसे जुड़े 5 अनसुने किस्से
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Rajendra Prasad Birth Anniversary: देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 135वीं जंयती मनाई जा रही है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ट्वीट कर उन्हें याद किया है।

Rajendra Prasad Birth Anniversary: देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 135वीं जंयती मनाई जा रही है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर लोकसभा अध्यक्ष ने ट्वीट कर उन्हें याद किया और वहीं ट्वीट पर लोग राजेंद्र बाबू को लगातार मैसेज कर याद कर रहे हैं। इस दिन को राष्ट्रीय ज्ञान दिवस के रूप में मनाने की लगातार मांग उठी है। सरकार इस साल इस दिन को राष्ट्रीय ज्ञान दिवस घोषित कर सकती है।

राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति थे। राष्ट्र के लिए उनका योगदान बहुत गहरा है। वह जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटेल और लाल बहादुर शास्त्री के साथ भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वह उन भावुक व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना अहम योगदान दिया। उनके योगदान काफी रहे। उन्होंने संविधान सभा की आजादी के बाद के छोटे राष्ट्र के संविधान को डिजाइन करने की कसम खाई।


राजेंद्र बाबू का जन्म बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था। उनके पिता फारसी और संस्कृत भाषा के विद्वान थे जबकि मां एक धार्मिक महिला थीँ। पांच साल की उम्र से राजेंद्र प्रसाद को फारसी, हिंदी और गणित सीखने के लिए एक मौलवी के संरक्षण में रखा गया था। बाद में उन्हें छपरा जिला स्कूल भेजा गया। सिर्फ 12 साल की उम्र में राजेंद्र प्रसाद की शादी हो गई थी।

ये है राजेंद्र प्रसाद की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने किस्से

1. देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने साल 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बने और उसके बाद बिहार और ओडिशा ने जाने माने नेता बन गए।

2. राजेंद्र बाबू को बचपन से ही एक मौलवी ने पढ़ाया था, क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वो फारसी हिंदी और अंकगणित का ज्ञान लें।

3. राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिन को सरकार राष्ट्रीय ज्ञान दिवस घोषित करने की योजना बना रही है। इसकी घोषणा आज 135 वीं जंयती पर हो सकती है।

4. राजेंद्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने में व्यस्त थे तभी एक दिन पहले ही उनकी बहन का निधन हो गया था। ऐसे में उन्होंने पहले भारतीय गणराज्य के प्रतिष्ठान की रस्म उसके बाद बहन के शव का अंतिम संस्कार किया।

5. राजेंद्र प्रसाद उन राष्ट्रपतियों में से एक हैं जिन्हें सबसे जल्दी भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।

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