पाकिस्तान ने दो युद्ध हारने का बाद Proxy War का सहारा लेना शुरू कर दिया: राजनाथ सिंह

पाकिस्तान ने दो युद्ध हारने का बाद Proxy War का सहारा लेना शुरू कर दिया: राजनाथ सिंह
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भारत-चीन सीमा गतिरोध के दौरान, जब चीनी सेना आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, मैंने लगभग 11 बजे सेना प्रमुख से बात की... स्थिति बहुत गंभीर थी।

केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Union Defense Minister Rajnath Singh) ने रविवार को कहा है कि दो युद्ध हारने के बाद, हमारे एक पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) ने परोक्ष युद्ध (proxy war) का सहारा लेना शुरू कर दिया है, और आतंकवाद (Terrorism) उसकी राज्य नीति का एक अभिन्न अंग बन गया है। पाकिस्तान ने आतंकियों को हथियार, फंड और ट्रेनिंग देकर भारत (India) को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

यदि आज भारत और पाकिस्तान (India Aan Pakistan) के बीच सीजफायर सफल होता है, तो यह हमारी ताकत की वजह से है। साल 2016 में बॉर्डर (Border) पार हमलों ने हमारी प्रतिक्रियावादी मानसिकता को एक सक्रिय मानसिकता में बदल दिया, जिसे साल 2019 में बालाकोट हवाई हमले से और मजबूत किया गया। यह विश्वास है कि भारत न केवल अपनी जमीन पर आतंकवाद को खत्म करेगा बल्कि जरूरत पड़ने पर अपनी जमीन पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने में भी संकोच नहीं करेगा, यह विश्वास धीरे-धीरे और मजबूत होता जा रहा है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि इसी तरह उत्तरी सेक्टर में भी पिछले साल सीमा पर यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास किया गया था। वहां भी, हमने अपने विरोधी का सामना एक नई गतिशीलता के साथ किया।

भारत-चीन सीमा गतिरोध के दौरान, जब चीनी सेना आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी, मैंने लगभग 11 बजे सेना प्रमुख से बात की... स्थिति बहुत गंभीर थी। उस स्थिति में भी हमारी सेना ने जिस तरह समझदारी भरा व्यवहार किया वह काबिले तारीफ है। इसी के साथ हमारे सुरक्षा बलों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हम किसी भी समय और किसी भी स्थिति में किसी भी दुश्मन का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चाहे कोई भी कीमत क्यों न चुकानी हो।

इसके आलावा उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में बदलते समीकरण हमारे लिए एक चुनौती है... इन परिस्थितियों ने हमारे देश को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। हम अपनी रणनीति बदल रहे हैं और क्वाड का गठन इस रणनीति को रेखांकित करता है। मेरा मानना है कि यह (Tour of Duty initiative) भविष्य में खेल बदलने वाले सुधार के रूप में जाना जाएगा। यह हमारी सेना की औसत आयु को कम करने और उन्हें और अधिक चुस्त बनाने में मदद करेगा। हमारा प्रयास रहा है कि युवा हमारे सशस्त्र बलों के अनुशासन, देशभक्ति और अन्य मूल्यों को अपनाएं। हमें युवाओं को अधिक जोखिम देने के लिए सशस्त्र बलों के लिए नए रास्ते खोजने की जरूरत है। इसके लिए मंत्रालय 'टूर ऑफ ड्यूटी' पहल शुरू करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

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