LOC पर राजनाथ सिंह की पैनी नजर, तीनों सेना प्रमुखों के साथ आज करेंगे बैठक

LOC पर राजनाथ सिंह की पैनी नजर, तीनों सेना प्रमुखों के साथ आज करेंगे बैठक
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भारत-पाकिस्तान की सेनाओं के बीच बने हुए इस तनावपूर्ण माहौल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) भी पैनी नजर बनाए हुए हैं।

फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) द्वारा पाकिस्तान को उसके अपने ही घर में आतंकवाद का वित्त-पोषण तत्काल बंद करने की मिली हालिया कड़ी चेतावनी के बाद से उसकी बाछें खिल गई हैं और अब वह धारा-370 हटने के बाद से कश्मीर घाटी में बनी हुई शांति को भंग करने के लिए भारत-पाक नियंत्रण रेखा (LOC) पर बीते कुछ दिनों से लगातार संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन (CFV) कर बड़ी तादाद में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों में लगा हुआ है। इसमें भारतीय सेना की चौकियों पर भीषण गोलीबारी की जा रही है, जिसका सेना मुंहतोड़ जवाब दे रही है।

उधर एलओसी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच बने हुए इस तनावपूर्ण माहौल पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पैनी नजर बनाए हुए हैं। रविवार को उन्होंने सेनाप्रमुख जनरल बिपिन रावत से इस पर बात करते हुए यह साफ निर्देश भी दे दिए हैं कि एलओसी पर होने वाली हर छोटी-बड़ी हरकत की उन्हें तत्काल विस्तृत जानकारी दी जाए। इतना ही नहीं रक्षा मंत्री इस मसले पर सोमवार को मंत्रालय में तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ एक बैठक कर व्यापक चर्चा भी करेंगे।

तबाह किए आतंकी ठिकाने

बीते शनिवार को पाक सेना द्वारा एलओसी से लगे तंगधार सेक्टर में संघर्षविराम तोड़कर सेना की चौकियों पर भारी गोलीबारी की गई थी। इसमें भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए थे और एक स्थानीय नागरिक की भी मौत हो गई थी। सेनाप्रमुख ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इसके जवाब में सेना ने पीओके के जूरा, एथमुकाम और कुंदलशाही में बने हुए 4 आतंकी घुसपैठ के अड्डों (लांच पैड्स) को निशाना बनाया जिसमें तीन कैंप पूरी तरह से तबाह हुए हैं और एक को कुछ नुकसान पहुंचा है।

इस कार्रवाई में करीब 6 से 10 पाक सैनिक और इतने ही आतंकवादी मारे गए हैं। मारे गए आतंकियों की संख्या आगे बढ़ सकती है। सेना जल्द इसकी जानकारी सार्वजनिक करेगी। लेकिन अगर पाक ऐसे ही संघर्षविराम तोड़ता रहा तो भविष्य में भी भारतीय सेना सख्त कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएगी। आंकड़ों के हिसाब से इस साल जनवरी से लेकर अक्टूबर के दूसरे सप्ताह की शुरुआत तक पाकिस्तानी सेना द्वारा एलओसी पर कुल करीब 2 हजार 317 बार संघर्षविराम उल्लंघन कर गोलीबारी की गई है।

एलओसी के पार पाक सेना ने आतंकियों की घुसपैठ के लिए कुल करीब 42 लांच पैड्स बनाए हैं, जिनमें से वर्तमान में 16 एक्टिव बताए जा रहे हैं। मौजूदा साल के साढ़े नौ महीने गुजरने के बाद अब तक कुल करीब 70 आतंकवादी ही एलओसी के रास्ते जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने में सफल हुए हैं। कश्मीर घाटी के अंदर चल रहे आतंकी संगठनों में भी 30 स्थानीय आतंकियों की ही भर्ती हो सकी है।

दुनिया की सहानुभूति चाहता पाक

सेना में पूर्व सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) रहे लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने हरिभूमि से बातचीत में कहा कि भारत द्वारा 2019 की शुरुआत में बालाकोट एयरस्ट्राइक की गई और उसके बाद सूबे से धारा-370 को खत्म कर दिया गया। एलओसी और कश्मीर घाटी के अंदर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। जिससे कश्मीर में भारत की शांति स्थापित करने की कोशिशों ने जोर पकड़ा और पाक बड़े पैमाने पर एलओसी के रास्ते आतंकी घुसपैठ नहीं कर सका। फिर एफएटीएफ की बैठक ने भी उसके नापाक कदमों को कुछ हद तक रोक कर रखा था।

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन अब ऐसा नहीं है, इसलिए वह चाहता है कि कश्मीर में बर्फ की सफेद चादर बिछने से पहले बड़ी तादाद में आतंकियों की घुसपैठ करा दी जाए। जिससे घाटी में अंशाति बढ़े और उसे दुनिया के सामने भारत के धारा-370 हटाने के कदम की आलोचना कर अपने प्रति सहानुभूति जुटाने का मौका मिल जाए। ऐसे में कोई शक नहीं कि एलओसी पर आने वाले कुछ दिनों में संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाओं में और इजाफा देखने को मिले।

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