राम मंदिर घोटाला: चंपत राय बोले- आरोप लगाने वालों ने ट्रस्ट के पदाधिकारियों से तथ्यों की जानकारी नहीं ली, समाज को कर रहे भ्रमित

राम मंदिर घोटाला: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के जमीन की खरीद में घोटाले के आरोपों पर इस समय देश में हंगामा मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सभी इसकी जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ ट्रस्ट इन दावों को गलत बता रहा है। ट्रस्ट का कहना है कि लोगों की भ्रमित किया जा रहा है और यह सब राजनीति से प्रेरित है। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय राम भक्तों से साफ कहा है वे किसी भी बात पर विश्वास न करें।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चंपत राय ने कहा है कि जितना क्षेत्रफल है उसकी तुलना में इस भूमि का मूल्य 1423 रुपये प्रति वर्ग फीट है जो बाजार मूल्य से बहुत कम है। मालिकाना हक का निर्णय करना बहुत जरूरी था जो कराया गया। हमने जमीन का एग्रीमेंट करा लिया। अभी बैनामा कराया जाना बाकी है।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी लेनदेन बैंक टू बैंक हुए हैं और टैक्स में कोई चोरी नहीं की गई है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि आरोप लगाने वालों ने आरोप से पहले ट्रस्ट के पदाधिकारियों से तथ्यों की जानकारी नहीं ली। उन्होंने समाज को भ्रमित किया है। भ्रमित न हों और मंदिर समय सीमा में पूरा करने में सहयोग करें।
कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार को घेरा
राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के तथाकथित भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला किया है। इसी साथ कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर भी हमला किया है और सरकार के वादों को जुमला बताया है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि "देखो ऐ दीवानों तुम ये काम न करो राम का नाम बदनाम न करो…" भूमि ख़रीद में 16 करोड़ का घोटाला है तो हज़ारों करोड़ मंदिर निर्माण में जो चंदा उगाया गया है उसमें मौजूदा ट्रस्ट जिसमें VHP के पदाधिकारी व मोदी जी द्वारा मनोनीत सदस्य हैं वे कितना और भ्रष्टाचार करेंगे? अंदाज़ा लगाएँ।
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