12वीं सदी में विक्रमादित्य के बनाए मंदिर के फर्श से जुड़ेगा नया राम मंदिर, ऊंचाई होगी 145 फीट

12वीं सदी में विक्रमादित्य के बनाए मंदिर के फर्श से जुड़ेगा नया राम मंदिर, ऊंचाई होगी 145 फीट
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अयोध्या में निर्माण होने वाले राम मंदिर के दरबार से सीधे हनुमानगढ़ी के दर्शन होंगे। बताया गया है कि मंदिर के गर्भगृह और रामदरबार का मुख पूर्व की ओर होगा।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में केंद्र सरकार ने राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट का ऐलान कर दिया है। मोदी सरकार ये ऐलान उस समय किया गया है जब 8 फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट के फैसले के बाद संसद पहुंचे। संसद में पीएम मोदी ने प्रश्नकाल से पहले ट्रस्ट बनाए जाने का ऐलान किया। यह भी बताया कि ट्रस्ट का नाम 'श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र' होगा। इसी के साथ ही मोदी सरकार ने अपने कब्जे की 67.703 एकड़ जमीन ट्रस्ट को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे।

विक्रमादित्य के बनाए मंदिर के फर्श से जुड़ेगा नया राम मंदिर

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो विक्रमादित्य ने 12वीं सदी में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कराया था। खुदाई के दौरान इसके अवशेष मिले हैं। 12वीं सदी में बानये गए मंदिर का फर्श आज भी मौजूद है। इस फर्श ने नया मंदिर जुड़ेगा। यानी ये पौराणिक अवशेष भी नए राम मंदिर का हिस्सा होंगे।

145 फीट होगी मंदिर की ऊंचाई

अयोध्या में निर्माण होने वाले राम मंदिर के दरबार से सीधे हनुमानगढ़ी के दर्शन होंगे। बताया गया है कि मंदिर के गर्भगृह और रामदरबार का मुख पूर्व की ओर होगा। पूरे मंदिर के इलाके को एक नाया नाम भी दिया गया है। इस इलाके का नाम रामकोट होगा। राम मंदिर के निर्माण के लिए एक लाख घन फीट से ज्यादा पत्थर तराशे जा चुके हैं। पूरे मंदिर के निर्माण में एक लाग 75 हजार घन फीट पत्थर लगेगा।

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