Rashtriya Ekta Diwas 2020: क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय एकता दिवस, जानने के लिए यहां पढ़ें

Rashtriya Ekta Diwas 2020: भारत के राजनीतिक एकीकरण के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए उनके जन्मतिथि 31 अक्तूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस में मनाया जाता है। इसका आरम्भ प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने सन 2014 में किया था। सरदार वल्लभ भाई पटेल एक स्वतंत्रता सेनानी थे उन्होंने देश के लिए कई योगदान दिए हैं । सरदार पटेल द्वारा ही 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था क्योंकि भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। इसी एकीकरण के लिए उन्हें लोह पुरुष की उपाधि मिली थी ।
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2014 में दिल्ली में की गयी थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया था। किसी भी देश की ताकत सभी भारतीय आपस उस देश की एकता में निहित होती है और यदि देश बड़ा और विभिन्न धर्म, भाषा के लोग रहने वाले हो तो उन्हें एकता की डोर में बाधकर रखना मुश्किल होता है लेकिन हमारे देश भारत की सबसे बड़ी यही खूबसूरती है की इतने धर्म, संप्रदाय, जाति के बावजूद आपस में मिलजुलकर रहते है और देश के एकता को बनाये रखे हुए है।
भारत को आजादी मिलने के पश्चात हमारे देश में 500 से अधिक देशी रियासते थी जो की सबको आपस में मिलकर एक देश का गठन करना बहुत ही मुश्किल था, सभी रियासते अपनी सुविधानुसार अपना शासन चाहते थे लेकिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सुझबुझ और इन रियासतों के प्रति अपनी स्पष्ट नीति के चलते इन्हें भारत देश में एकीकरण किया गया और इस प्रकार 3 देशी रियासते जूनागढ़, कश्मीर और हैदराबाद भारत में मिलने से मना कर दी जिसके पश्चात भारी विरोध के बाद जूनागढ़ का नवाब हिंदुस्तान छोडकर भाग गया, जिसके पश्चात जूनागढ़ भारत में मिल गया और कश्मीर के राजा हरीसिंह ने अपनी राज्य की सुरक्षा को आश्वासन लेकर कश्मीर को भी भारत में मिला दिया।
अंत में हैदराबाद के निजाम ने जब भारत में मिलने से मना किया तो लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने तुरंत वहा सेना भेजकर निजाम को भी आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया जिसके पश्चात हमारे भारत देश का नवनिर्मित गठन हुआ जिसे संघ राज्यों का देश भी कहा जाता है और इस प्रकार अनेक होते हुए भी एक भारत का निर्माण हुआ। कोई भी देश तभी तक सुरक्षित रहता है जबतक की उस देश की जनता और शासन में आपसी एकता और अखंडता निहित होती है।
हमारे देश की इसी आपसी एकता की कमी का फायदा उठाते हुए अंग्रेजो ने भारत में फूट डालो और राज करो की नीति पर हमारे देश में 200 से अधिक वर्षो तक राज किया। हमारी इस गुलामी के कई कारण थे जैसे भारत के सभी राज्यों, रियासतों में आपसी कोई तालमेल नही था सभी रियासतों के राजा सिर्फ अपनी अपनी देखते थे। अगर कोई बाहरी शत्रु आक्रमण करे तो कोई भी एक दुसरे का साथ नही देने आता था यही अनेक कारण थे जिसके कारण हमारा देश इसी एकता के अभाव में विकास के राह से भटक गया और जो भी आया सिर्फ यहाँ लुटा और चला गया।
अब हमारा देश आजाद है इसका मतलब यह नही है की हमारे देश पर कोई बुरी नजर नहीं डाल सकता है। हम सभी को अपने देश अंदर उन आसामाजिक तत्वों से खुद को बचा के रखना है जो हमे आपस में बाटने को कोशिश करते है और साथ में देश के बाहरी दुश्मनों से भी चौक्कना रहना है। तभी हमार भारत एक अखंड भारत बन सकेगा । ऐसे में अब हमे अपनी आजादी मिलने के बाद हम सबकी यही जिम्मेदारी बनती है की जब भी देश की एकता की बात आये तो सभी भारतीयों को अपने धर्म जाति से उठकर सोचने की आवश्यकता है। एक सच्चे भारतीय की तरफ कंधे से कंधा मिलाकर देश की अखंडता निभाना ही सच्ची राष्ट्रीय भकित है।
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