RBI ने इमरजेंसी हेल्थ सिक्योरिटी के लिए 50 हजार करोड़ की टर्म लिक्विडिटी फैसलिटी का ऐलान किया

RBI ने इमरजेंसी हेल्थ सिक्योरिटी के लिए 50 हजार करोड़ की टर्म लिक्विडिटी फैसलिटी का ऐलान किया
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर खतनाक है। इस संकट की घड़ी में देश को अपने संसाधनों को नए सिरे से जुटाना होगा।

भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। इसी जारी कहर के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अर्थव्यवस्था को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से कई घोषणाएं कीं हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर खतनाक है। इस संकट की घड़ी में देश को अपने संसाधनों को नए सिरे से जुटाना होगा। इस संकट को पार करने के प्रयासों के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए विस्तृत और तेज कदम उठाने की जरूरत है।

सेंट्रल बैंक तेजी से बदलती स्थिति पर नजर बनाए हुए है। गवर्नर का कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक को नहीं लगता है कि अप्रैल 2021 के ग्रोथ अनुमान में इस लहर के चलते कोई अधिक विचलन आएगा।

50,000 करोड़ की टर्म लिक्विड फैसिलिटी प्रोवाइड कराने का फैसला

उन्होंने जानकारी दी है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मेडिकल सर्विसेज के लिए फंड की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 50 हजार करोड़ की टर्म लिक्विड फैसिलिटी प्रोवाइड कराने का निर्णय लिया है। बैंक 31 मार्च 2022 तक मेडिकल सर्विस सेक्टरों को अधिकतर उधार दे सकते हैं। दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत में तेज रिकवरी हुई। मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून रहने अनुमान जताया है। अच्छे मॉनसून से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में तेजी रहने की संभावना है।

शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि इमरजेंसी हेल्थ सिक्योरिटी को सुनिश्चित करने के लिए रेपो रेट पर 50 हजार करोड़ की टर्म लिक्विडिटी फैसिलिटी की यह स्कीम लाई गई है। इस स्कीम के तहर इस समय बैंक मेडिकल संस्थाओं जैसे वैक्सीन निर्माता कंपनियों, अस्पतालों और मरीजों तक की सहायता कर सकेंगे। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस के बीच केवाईसी नियमों में छूट दी है। साथ ही डिजीलॉकर और अन्य डिजिटल के जरिए से केवाईसी करवाने को भी इजाजत दे दी है।

दास ने आगे कहा कि आरबीआई ने इस सकंट की घड़ी में सबसे अधिक प्रभावित छोटे उधारकर्ताओं (एमएसएमई और व्यक्तियों) पर दबाव कम करने के लिए रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 तैयार किया है। प्राथमिकता वाले सेक्टरों के बहुत ही जल्द लोन और इंसेंटिव का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा कोविड बैंक लोन भी बनाने की योजना है।

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