शक्तिकांत दास Governor Of The Year से सम्मानित, लंदन सेंट्रल बैंकिंग ने दिया सम्मान

शक्तिकांत दास Governor Of The Year से सम्मानित, लंदन सेंट्रल बैंकिंग ने दिया सम्मान
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को 'गवर्नर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। शक्तिकांत दास को यह सम्मान लंदन सेंट्रल बैंकिंग (London Central Banking) की ओर से दिया गया है।

RBI Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को 'गवर्नर ऑफ द ईयर' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। भारत के केंद्रीय बैंक के गवर्नर को यह सम्मान लंदन सेंट्रल बैंकिंग (London Central Banking) की ओर से दिया गया है।

2 हजार के नोटों को चलन से किया बाहर

बता दें कि शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक का गवर्नर (Governor) पद संभालने के बाद कई बड़े फैसले लिए हैं। हाल ही में उन्होंने 2 हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का एक बड़ा फैसला लिया है। वहीं, वैश्विक बाजारों (Global Markets) में अस्थिरता के बीच भी महंगाई से निपटने में उन्होंने बहुत सराहनीय भूमिका निभाई है। कोरोना संकट के दौरान अपने फैसलों से उन्होंने आम जनता को राहत देने का काम किया था। उस दौरान उन्होंने बैंकों को कुछ महीनों के लिए ईएमआई (EMI) में छूट देने के निर्देश दिए थे।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) ने कोरोना महामारी के बाद शानदार वृद्धि दर्ज की है और 2021-22 में 9.1 फीसदी की वृद्धि और 2022-23 में 7.2 फीसदी की वृद्धि के साथ जोरदार वापसी की है। राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों की संयुक्त प्रतिक्रिया ने अर्थव्यवस्था में त्वरित सुधार का काम किया है। बैंकिंग (Banking), डिजिटलीकरण (Digitization), टैक्सेशन (Taxation), विनिर्माण (Manufacturing) और श्रम से संबंधित विभिन्न संरचनात्मक सुधारों को पिछले कुछ सालों में लागू किया गया है, जिसने मध्यम और दीर्घावधि में मजबूत और सतत विकास की नींव रखी है।

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भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी तेजी से लाभ कमाया- दास

शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने भी तेजी से लाभ कमाया है और पिछले कुछ वर्षो में धीरे-धीरे वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global economy) के साथ एकीकृत हो गई है। हालांकि, यह ध्यान रखना उचित है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत (India) की वृद्धि वैश्विक मंदी (Global Recession) के बीच घरेलू मांग, विशेष रूप से निजी खपत और निवेश से प्रेरित है।

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