RBI MPC Meeting: नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं, जानें महंगाई पर क्या बोले शक्तिकांत दास

RBI MPC Meeting: नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं, जानें महंगाई पर क्या बोले शक्तिकांत दास
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RBI MPC Meeting: आरबीआई ने एमपीसी की मीटिंग की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। इसमें बढ़ोतरी ना होने की वजह से EMI में इजाफा नहीं होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने तीन दिवसीय एमपीसी बैठक (MPC Meeting) के बाद गुरुवार को रेपो रेट में बढ़ोतरी ना करने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर Shaktikanta Das ने जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की इस बैठक में भी नीतिगत दरों (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया है। बता दें कि इससे पहले अप्रैल माह में हुई बैठक के बाद भी इसमें कोई ज्यादा परिवर्तन नहीं किया गया था।

शक्तिकांत दास ने बताई महंगाई दर

रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि अप्रैल से जून में महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर ही रहेगी। हालांकि, पहले लगाए गए अनुमान के मुताबिक, महंगाई दर को 5.1 फीसदी से घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया गया है। वहीं, अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर 6.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। साथ ही, अक्टूबर-दिसंबर के लिए 6.0 फीसदी और जनवरी-मार्च 2024 के लिए यह महंगाई का अनुमान 5.9 से घटाकर 5.7 प्रतिशत कर दिया गया है।

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ईएमआई में नहीं होगा इजाफा

RBI के पास नीतिगत दर (Repo Rate) में महंगाई से लड़ने का एक मजबूत टूल है। इसको ऐसे समझा जा सकता है कि जब महंगाई अधिक होती है, तो RBI नीतिगत दरों को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को काबू करने की कोशिश करता है। अगर रेपो रेट में इजाफा होगा तो बैकों से मिलने वाला कर्ज भी ज्यादा हो जाएगा। इसी के साथ ही बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन को महंगा कर देता है। हालांकि, नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करने की वजह से इस बार ईएमआई (EMI) में कोई इजाफा नहीं हुआ है।

क्या है नीतिगत दर

नीतिगत दर (Repo Rate) को ऐसे आसानी से समझा जा सकता है कि जिसपर किसी भी देश का सेंट्रल बैंक वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Bank) को पैसे उधार देता है। जब बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तब वह सेंट्रल बैंक से पैसा उधार लेता है। इस उधार के पैसे पर नीतिगत दर लगाई जाती है। रेपो रेट की मदद से महंगाई को काबू में लाया जाता है।

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