RBI MPC Meeting: बढ़ती महंगाई के बीच शक्तिकांत दास ने लोगों को दी राहत, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

RBI MPC Meeting: बढ़ती महंगाई के बीच शक्तिकांत दास ने लोगों को दी राहत, रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
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RBI MPC Meeting: 8 अगस्त से जारी आरबीआई की एमपीसी मीटिंग आज खत्म हो गई है। इसके साथ ही आज नतीजों का ऐलान भी किया गया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेेपो रेट में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके बाद लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी।

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 44वीं मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों की आज घोषणा की गई है। इसकी जानकारी देते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि इस बार भी रेपो रेट (Repo Rate) को पहले की तरह ही रखा गया है। इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यह अब तीसरी बार है, जब नीतिगत दर में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। यह 6.5 प्रतिशत पर ही बरकरार है। इससे होम लोन और ऑटो लोन लेने वाले लोगों पर ईएमआई (EMI) का बोझ नहीं बढ़ेगा।

शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक के बाद क्या कहा

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी मीटिंग (MPC Meeting) के बाद कहा कि भारत सही दिशा में आगे की तरफ बढ़ रहा है। यह आने वाले समय में वैश्विक रूप से ग्रोथ इंजन बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि भारत दुनिया की 5वीं अर्थव्यवस्था में शुमार है और हमारी इकोनॉमी (Economy) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव का लाभ लेने के लिए बेहतर स्थिति है। साथ ही, कहा कि वैश्विक विकास में भारत की इकोनॉमी लगभग 15 फीसदी का योगदान दे रही है। शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि देश में बढ़ रही महंगाई ने पॉलिसी मेकर्स की चिंता में भी इजाफा कर दिया है।

किसे मिलेगी राहत

नीतिगत दर यानि कि रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं होने से बैंक से लोन लेने की तैयारी कर रहे लोगों को लाभ मिलेगा। आरबीआई (RBI) के फैसले के बाद से बैंको की ओर से किसी भी तरह के लोन पर ईएमआई नहीं बढ़ाई जाएगी। यदि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट बढ़ाया जाता है, तो इसका सीधा असर लोन पर ज्यादा पड़ता है।

नीतिगत दर यानि रेपो रेट क्या है

जिस रेट पर भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को कर्ज दिया जाता है, उसे नीतिगत दर यानि की रेपो रेट (Repo Rate) कहा जाता है। रेपो रेट में इजाफा होने का मतलब है कि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर कर्ज मिलेगा। इसके बाद इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आदि पर ब्याज की कीमते भी बढ़ जाएंगी। इसका सीधा असर आम आदमी की ईएमआई पर पड़ता है।

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