पंजाब में सस्पेंड हो सकती हैं अग्निपथ भर्ती रैलियां, नहीं मिल रहा राज्य सरकार का सपोर्ट, सेना ने लिखी चिट्ठी

केंद्र की मोदी सरकार (Central Government) द्वारा घोषित नई भर्ती योजना अग्निपथ (Agneepath Scheme) देशभर में जमकर हंगामा मचा था। लेकिन सरकार अपने फैसले पर कायम रही और इसके तहत बहाली की प्रक्रिया भी शुरू कर की जा चुकी है। इसके मद्देनजर पंजाब में भर्ती कैंप लगाए जा रहे हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन ( Local Administration) की तरफ से इस भर्ती में सहयोग नहीं मिल रहा है।
वही स्थानीय प्रशासन के रवैये को देखते हुए सेना (Indian Army) ने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया है। सेना का कहना है कि अगर ऐसा ही रहा तो भर्ती प्रक्रिया को या तो रोकना होगा या फिर इसे पड़ोसी राज्यों में शिफ्ट करना होगा। जालंधर में सेना के जोनल रिक्रूटिंग ऑफिसर ने पंजाब सरकार ( Punjab Government) को बताया है कि राज्य में अल्पकालिक अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के तहत भर्ती रैलियों को या तो स्थगित किया जा सकता है या स्थानीय प्रशासन के असहयोग का हवाला देते हुए पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
Koo AppAll Deputy commissioners were directed to provide complete support to Army Authorities for recruitment of Agniveers in Punjab. Any laxity shall be viewed seriously. Every effort will be made to recruit maximum number of candidates in to army from the state. - Bhagwant Mann (@bhagwantmann) 14 Sep 2022

8 सितंबर को पंजाब के मुख्य सचिव वीके जंजुआ और प्रमुख सचिव रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण के प्रमुख कुमार राहुल को संबोधित करते हुए जोनल भर्ती अधिकारी मेजर जनरल शरद बिक्रम सिंह (Major General Sharad Bikram Singh) ने कहा, "हम इसे आपके ध्यान में लाने के लिए विवश हैं कि स्थानीय प्रशासन का हमें कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। वे आमतौर पर राज्य सरकार के निर्देशों की कमी या धन की कमी का हवाला दे रहे हैं।
आपको बता दें कि स्थानीय प्रशासन द्वारा सेना की बहाली में कुछ आवश्यक सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें कानून व्यवस्था, सुरक्षा, भीड़ नियंत्रण, बैरिकेडिंग आदि के लिए पुलिस सहायता शामिल है। स्थानीय प्रशासन से एक टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था करने की भी अपेक्षा की जाती है। एक चिकित्सा अधिकारी के साथ तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए अपेक्षा की जाती है।
पत्र में कहा गया है कि बहाली स्थल पर 14 दिनों तक रोजाना 3,000 से 4,000 उम्मीदवारों के लिए रेन शेल्टर, पानी, मोबाइल शौचालय और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। सेना ने कहा कि जालंधर में हमें स्थानीय प्रशासन (Local Administration) से ऐसी कोई सुविधा नहीं मिली है। बिक्रम सिंह ने कहा, "ऐसी स्थिति में हम पंजाब में भविष्य में सेना की सभी बहाली को रोकने के लिए सेना मुख्यालय के सामने एक प्रस्ताव रखेंगे। या वैकल्पिक रूप से पड़ोसी राज्यों में बहाली का आयोजन करेंगे।"
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