पाकिस्तान के ननकाना साहिब से भारतीय सिखों का क्या है नाता, जिस पर मचा है बवाल

पाकिस्तान में सिखों के सबसे पवित्र धर्मस्थलों में से एक ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर शुक्रवार को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पत्थरबाजी की। भीड़ ने श्री ननकाना साहिब में रहने वाले सिखों के साथ मारपीट की और उनके घरों पर पत्थरबाजी भी की। पाकिस्तान के इस गुरुद्वारे पर आज भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। एक वीडियो में एक कट्टरपंथी सिखों को ननकाना साहिब से भगाने के बारे में कह रहा है, वहीं इस पवित्र शहर का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा करने की धमकी दी गई। सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारे के अंदर फंसे हुए हैं और ननकाना साहिब पर हमले की आशंका से सिख समुदाय के कई लोग घरों में छिपे हुए हैं।
ननकाना साहिब पहले था राय-भोई-दी-तलवंडी
ननकाना साहिब, पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित एक शहर है। इसका वर्तमान नाम सिखों के पहले गुरू गुरू नानक देव जी के नाम पर पड़ा है। इसका पुराना नाम 'राय-भोई-दी-तलवंडी' था। यह लाहौर से 80 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। इस प्रांत में पंजाबी लोगों की संख्या ज्यादा है। यह स्थान गुरू नानक देव का जन्मस्थान है, यह सिखों का पवित्र ऐतिहासिक स्थान (तीर्थ) है। यह विश्व भर के सिखों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यहाँ का गुरुद्वारा साहिब बहुत प्रसिद्ध है।गुरु नानक जी का जन्म स्थान होने के कारण यह स्थान सिख मत के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है।
दुनियाभर से हजारों हिन्दू जाते हैं ननकाना साहिब
दुनियाभर से हजारों हिन्दू, सिख गुरु पर्व से कुछ दिन पहले ननकाना साहिब पहुंचते हैं और दस दिन यहां रहकर विभिन्न समारोहों में भाग लेते हैं। गुरु नानकदेव के जन्म के समय इस जगह को 'रायपुर' के नाम से भी जाना जाता था। उस समय राय बुलर भट्टी इस इलाके का शासक था और बाबा नानक के पिता उसके कर्मचारी थे। गुरु नानकदेव की आध्यात्मिक रुचियों को सबसे पहले उनकी बहन नानकी और राय बुलर भट्टी ने ही पहचाना। राय बुलर ने तलवंडी शहर के आसपास की 20 हजार एकड़ जमीन गुरु नानकदेव को उपहार में दी थी, जिसे 'ननकाना साहिब' कहा जाने लगा।
ननकाना साहिब के आसपास और भी हैं गुरुद्वारे
ननकाना साहिब के आसपास 'गुरुद्वारा जन्मस्थान' सहित नौ गुरुद्वारे हैं। ये सभी गुरु नानकदेव जी के जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित हैं। जिस स्थान पर नानकजी को पढ़ने के लिए पाठशाला भेजा गया, वहां आज पट्टी साहिब गुरुद्वारा शोभायमान है।
भारत से 2019 में ननकाना साहिब गया था जत्था
पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहिब में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित धार्मिक समागमों में शामिल होने के लिए एसजीपीसी ने 1303 श्रद्धालुओं के एक जत्थे को अटारी सड़क सीमा से पाकिस्तान रवाना किया था। श्रद्धालुओं ने अटारी सड़क सीमा से पाकिस्तान वाघा सीमा तक का रास्ता पैदल तय किया। कई साल बाद पाकिस्तान सरकार ने भारतीय श्रद्धालुओं को अटारी सड़क सीमा से पाकिस्तान में प्रवेश करने का वीजा दिया था। इससे पहले यह सुविधा केवल अप्रवासी भारतीयों को दी जाती थी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS