Republic Day 2022: इस गणतंत्र दिवस पर पढ़िए देश के महान लीडर्स के विचार, इन्हें पढ़कर आप में जगेगा एक नया जज्बा

Republic Day 2022: इस गणतंत्र दिवस पर पढ़िए देश के महान लीडर्स के विचार, इन्हें पढ़कर आप में जगेगा एक नया जज्बा
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Republic Day 2022: 26 जनवरी 2022 को हमारा देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस (73rd Republic Day) मनाने जा रहा है। 26 जनवरी हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। अपनी इस स्टोरी में हम आपको भारत के महान लीडर्स के कुछ विचार बताएंगे, जिन्हे पढ़कर आपमें देश के लिए कुछ कर मिटने का जज्बा आ जाएगा।

Republic Day 2022: 26 जनवरी 2022 को हमारा देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस (73rd Republic Day) मनाने जा रहा है। 26 जनवरी हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में पहला गणतंत्र दिवस (First Republic Day Of India) मनाया गया और इसी दिन हमारे देश में संविधान लागू (Constitution Of India) किया गया था। देश के इस त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य आकर्षण गणतंत्र दिवस की परेड है जो दिल्ली के राजपथ से शुरू होकर और इंडिया गेट तक जाती है। इस दिन देश के अलग-अलग राज्यों से झांकियां निकाली जाती है।

अपनी इस स्टोरी में हम आपको भारत के महान लीडर्स के कुछ विचार बताएंगे, जिन्हे पढ़कर आपमें देश के लिए कुछ कर मिटने का जज्बा आ जाएगा।

बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak)

"स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा!"

"समस्या संसाधनों या क्षमता की कमी नहीं है, बल्कि इच्छाशक्ति की कमी है।"

लाला लाजपत राय (Lala Lajpat Rai)

"जो शॉट मुझे लगेंगी वो भारत में ब्रिटिश शासन के ताबूत की आखिरी कील हैं।"

"हार और असफलता कभी-कभी जीत के आवश्यक कदम होते हैं।"

भगत सिंह (Bhagat Singh)

"वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचल नहीं पाएंगे।"

"क्रांति मानव जाति का एक अविच्छेद्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक अविच्छेद्य जन्म अधिकार है।"

चंद्र शेखर आजाद (Chandra Shekhar Azad)

"अगर आपका खून नहीं खौलता, तो यह आपकी रगों में बहता हुआ पानी है।"

"ऐसी जवानी किसी काम की नहीं जो अपनी मातृभूमि के खातिर काम न आ सके।"

सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose)

"तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा!"

"एक व्यक्ति एक विचार के लिए मर सकता है, लेकिन वह विचार, उसकी मृत्यु के बाद, एक हजार जन्मों में अवतरित हो जाएगा।"

बी आर अम्बेडकर (B.R. Ambedkar)

पुरुष नश्वर हैं। वैसे ही विचार हैं। एक विचार को प्रचारित करने की उतनी ही आवश्यकता होती है जितनी एक पौधे को पानी की आवश्यकता होती है। नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाएंगे।"

"कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार हो जाता है, तो दवा दी जानी चाहिए।"

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