Republic Day 2023: इस बार गणतंत्र दिवस पर दिखेगा आत्मनिर्भर भारत का जलवा, ब्रिटिश तोपों से मिलेगी आजादी

Republic Day 2023: इस बार गणतंत्र दिवस पर दिखेगा आत्मनिर्भर भारत का जलवा, ब्रिटिश तोपों से मिलेगी आजादी
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गणतंत्र दिवस के अवसर पर ब्रिटिश की जिन 21 तोपों से सलामी दी जाती थी, अब उनके स्थान पर भारत निर्मित 105 मिमी के इंडियन फील्ड गन राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देगी। जानिये इस गणतंत्र दिवस पर कैसे दिखेगा आत्म निर्भर भारत का जलवा...

भारत इस वर्ष 74वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन को लेकर भारतवासियों में काफी उत्साह देखने को मिलता है। इस दिन अनेक प्रकार की झांकिया और परेड दिखाई जाती हैं। हर बार की तरह इस बार भी गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन इस बार का कार्यक्रम बेहद ही खास होगा। इस बार गणतंत्र दिवस की परेड में आत्मनिर्भर भारत की झलक दिखाई देगी। यही नहीं, ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जहां ब्रिटिश तोपों की बजाए स्वदेशी तोपों से सलामी दी जाएगी।

परंपरा के हिसाब से गणतंत्र दिवस के अवसर पर 21 तोपों की सलामी जिस तोप से दी जाती थी, अब वो नहीं हुआ करेगी। पहले गणतंत्र दिवस से पिछले साल तक 21 तोपों की सलामी ब्रिटिश जमाने की 25-पाउंडर आर्टिलरी से होती थी। इस बार यह सलामी भारत में निर्मित 105 मिमी के इंडियन फील्ड गन से होगी। ये मेक इन इंडिया की पहल पर भारत की शुरूआत है।

चीफ ऑफ स्टाफ दिल्ली एरिया मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि भारत तेजी से आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ रहा है। इस बार अधिकतर हथियार स्वदेशी निर्मित ही देखने को मिलेंगे। इसमें शामिल आकाश वेपन सिस्टम, रुद्र और एएलएच ध्रुव जैसे हेलिकॉप्टर हैं।

25-पाउंडर आर्टिलरी गन की खासियत

दरअसल 25-पाउंडर आर्टिलरी गन एक ब्रिटिश तोप रही है, इसका उपयोग लगभग 1940 से होता आ रहा है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान देखने को मिलता है। इस तोप को चलाने के लिए लगभग 6 लोगों की आवश्यकता होती है। अगर इस तोप से तेजी से फायर किया जाए तो एक मिनट में लगभग 6 गोले दागे जा सकते हैं। भारत की सेना ने इस तोप का इस्तेमाल सबसे पहले 1947 के युद्ध में किया था, लेकिन इतना ही नहीं इस तोप का उपयोग भारत-चीन युद्ध के दौरान भी किया गया था।

105 मिमी इंडियन फील्ड गन की खासियत

1972 में इंडियन फील्ड गन को निर्मित किया गया था। इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये लाइट वेट की होती है, जिसको कहीं भी ले जाया जा सकता है, खासतौर से पहाड़ों पर। यह तोप भी एक मिनट में छह गोले दाग सकती है। बता दें कि इस गणतंत्र दिवस पर आत्मनिर्भर भारत की कई अन्य झलकियां भी दिखाई देंगी। केवल केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य की झांकियों में भी आत्मनिर्भर भारत से जुड़ी साकार परियोजनाएं भी नजर आएंगी। इसके लिए विशेष तैयारी की गई है।

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