आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में की कमी, गवर्नर शक्तिकांत दास बोले बड़ी मंदी के आसार

आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में की कमी, गवर्नर शक्तिकांत दास बोले बड़ी मंदी के आसार
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कोरोना वायरस के चलते मंदी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। कहा कि दुनिया में बड़ी मंदी का आसार दिख रहा है। वहीं रिवर्स रेपो रेट में कटौती की गई है।

कोरोना वायरस के चलते आर्थिक स्थिति को लेकर उभरी चुनौतियों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट में प्वाइंट 25 फीसदी की कटौती की जा रही है। रिवर्स रेपो रेट 4 से घटाकर 3.75 किया गया है।

आरबीआई ने पहले रेपो दर में रिकॉर्ड 75 आधार अंकों की कटौती कर इसे 15 साल के न्यूनतम स्तर 4.40 फीसदी पर और कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 bps से 3 फीसदी तक की कटौती की थी। बैंक ने प्रणाली में तरलता को बढ़ावा देने के लिए एलटीआरओ जैसे कई अन्य उपायों की भी घोषणा की थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश की आर्थिक हालत पहले से बिगड़ी है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में अनाज है। कोरोनावायरस पर 27 मार्च के बाद माइक्रो इकोनॉमिक्स स्थिति में गिरावट आई है। देश के आर्थिक हालात पर आरबीआई की नजर है। देश की वित्तीय हालात पर नजर है। वित्तीय नुकसान रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है। अर्थव्यवस्था को 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है। आईएमएफ के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रह सकती है। भारत की विकास दर 1.9 रहने का अनुमान है। वहीं बैंकिंग सेक्टर पूरी तरह से काम कर रहा है। बैंकों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग पूरी तरह से काम कर रही है। 90 फ़ीसदी एटीएम बैंक काम कर रहे हैं। नई करेंसी भी जारी कर दी गई है। इस वक्त दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है।

पहले लॉक डाउन के दौरान भी आरबीआई गवर्नर ने जीती प्रेस कॉन्फ्रेंस

इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने लॉक डाउन लगने के बाद 27 मार्च को बड़ा ऐलान किया था इस दौरान गवर्नर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने सभी बैंकों से ग्राहकों को 3 महीने ली जाने वाली एमआई को टालने के लिए भी कहा था। जिससे ग्राहकों को राहत मिल सके।

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