मोहाली हमले से पहले RPG-22 का इस्तेमाल ब्रिटिश सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस के मुख्यालय पर हुआ, जानें रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड की खासियत और पूरी जानकारी

मोहाली (Mohali) में पंजाब पुलिस के इंटेलिजेंस विंग मुख्यालय पर रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड (Rocket-Propelled Grenade- आरपीजी) दागा गया। विस्फोट में खिड़कियां और उसके शीशे टूट गए। लेकिन गनीमत यह रही कि इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ। घटना के बाद मोहाली पुलिस (Mohali Police) ने कहा, पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय सेक्टर 77, एसएएस नगर में शाम लगभग 7.45 बजे एक मामूली विस्फोट की सूचना मिली थी। किसी नुकसान की सूचना नहीं है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं और मामले की जांच की जा रही है। फोरेंसिक टीमों को बुलाया गया है।
पंजाब हमले में इस्तेमाल किए गए मॉडल की पहचान आरपीजी-22 के रूप में हुई
खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड- आरपीजी) के हथियार का इस्तेमाल 2000 में ब्रिटिश सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस के मुख्यालय पर हुए हमले में किया गया था। पंजाब हमले में इस्तेमाल किए गए मॉडल की पहचान आरपीजी-22 के रूप में हुई है, जिसका उपनाम 'नेटो' है।
आरपीजी-22 पिछले हमलों में इस्तेमाल किया गया
मोहाली हमले से पहले सितंबर 2000 में ब्रिटिश सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस के मुख्यालय एमआई6 की मुख्य इमारत पर हुए हमले में आरपीजी-22 का प्रसिद्ध रूप से इस्तेमाल किया गया था। हमले के बाद यह बताया गया था कि यह पहली बार था कि जब इस हथियार का इस्तेमाल उत्तरी आयरलैंड या ब्रिटिश मुख्य भूमि में किया गया था।
उस समय स्कॉटलैंड यार्ड की आतंकवाद विरोधी शाखा के प्रमुख उप सहायक आयुक्त एलन फ्राई को द इंडिपेंडेंट ने कहा था, आरपीजी-22 आतंकवादी समूहों के हाथों में उपकरण का सबसे अवांछनीय टुकड़ा था।
इस हथियार का उपयोग करने की आसानी और लाभों के बारे में बोलते हुए, फ्राई ने तब कहा था कि आरपीजी -22 आसानी से छुपाया जा सकता है और इसका इस्तेमाल बहुत तेजी के साथ किया जा सकता है। इसके अलावा इस हथियार का उपयोग करने के लिए कौशल हासिल करने में लगभग 30 मिनट लगते हैं और यह दुनिया भर में आसानी से उपलब्ध भी है!
क्या है आरपीजी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड यानी आरपीजी का इस्तेमान कंधे पर रखकर किया जाता है। इस हथियार को एक व्यक्ति आसानी से चला सकता है। आरपीजी एक कंधे से चलने वाला टैंक-रोधी हथियार प्रणाली है जो एक विस्फोटक वारहेड से लैस रॉकेटों को फायर करता है। इस हथियार को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बड़ी आसानी के साथ ले जाया जा सकता है। आरपीजी की मारक क्षमता भी घातक होती है।
बताया जाता है कि कुछ आरपीजी ऐसे होते हैं भी होते हैं जिन्हें दो बार लोड किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इसकी मारक क्षमता करीब 700 मीटर की है। आरपीजी के जरिए 700 मीटर की दूरी तक के टैंक, बख्तरबंद गाड़ियों, हेलीकॉप्टर या विमान को भी उड़ाया जा सकता है। यह हल्के आर्मर्ड वाहनों के खिलाफ भी बहुत अधिक प्रभावी है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरपीजी का अफगानिस्तान युद्ध में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया था। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। यूक्रेन की सेना रूसी सेना के खिलाफ आरपीजी का इस्तेमाल कर रही है। रूसी सेना के कई टैंक भी आरपीजी की मदद से ही नष्ट किए गए हैं।
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