आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का बयान, महात्मा गांधी के सपनों का देश दो दशक में बन जाएगा भारत

अगलें दो दशक में भारत गांधी के सपनों को देश बन जाएगा। यह दावा सोमवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने महात्मा गांधी पर लिखी एक किताब ह्यगांधी को समझने का यही समयह्णके विमोचन के बाद कही।
उन्होंने कहाकि भारत में जन्में गांधी भले ही पूरी दुनिया के लिए सार्वकालिक प्रासंगिक हों और लूथर मांर्टिन किंग व नेल्सन मंडेला जैसा उनके बड़े अनुवाईयों ने उनके रास्ते पर चलकर अपने-अपने देश में लोगों को बड़ा मुकाम भी तय किया,लेकिन वे अपने देश भारत में ही अभी तक अव्यावहारिक रहे हैं।
भागवत ने कहाकि 20 साल पहले जब कोई गांधी की चर्चा करते हुए भारत में उनकी संकल्पना को उतारने की बात करता था तो यह असंभव सा लगता था। लेकिन बदले हालात में अब गांधीवाद आकार लेना शुरू कर दिया है और देश की नई पीढ़ी उनके सपनों के भारत को गढ़ने की राह में आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता आंदोलन के समय महात्मा गांधी के जब कुछ आंदोलन कभी विफल रहे तो उन्होंने उसके लिए बाकयदा प्रायश्चित किया।
लेकिन आज के दौर में आंदोलन के विफल होने पर प्रायश्चित उसमें सर्फि हस्सिा लेना वाला करता है,राजनीतिक दल इसे सर्फि हार या जीत के नजरिए से ही देखते हैं। लेकिन अब देश की नई पीढ़ी इस अवधारणा को बदलती दिखाई पड़ रही है। वह गांधी के दिखाए रास्ते साध्य को हासिल करने के लिए साधन की शुचिता को अपनाने लग गई है और ईमानदारी से अपने कामों को अंजाम भी दे रही है।
इसलिए माना जा सकता है कि अब निराशा के बादल छटते दिखाई पड़ रहे हैं और देश में धीरे-धीरे गांधीवाद के रास्ते पर चल पड़ा है। उन्होंने दावा किया कि नई पीढ़ी उनके सपनों को साकार करेगी और अगले 20 वर्षो में गांधीवाद भारत में पूरी तरह स्थापित हो जाएगा। एक बार फिर से भारत ही दुनिया को मानवता का रास्ता दिखाएगा।
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