असम में RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, CAA-NRC से मुस्लिम भाईजानों को कोई खतरा नहीं

असम की राजधानी गुवाहाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर उन्होंने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर बड़ा बयान भी दिया। भागवत बीते कई बार मुस्लिम समुदाय को लेकर बयान दे चुके हैं। डीएनए वाले बयानों को लेकर काफी विवाद उठा था।
सीएए और एनआरसी से कोई खतना नहीं भारतीय मुसलमानों को
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुवाहाटी में मोहन भागवत ने कहा कि सीएए और एनआरसी से भारतीय मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। आजादी के बाद अल्पसंख्यकों के हितों का हमने ध्यान रखा। लेकिन पाकिस्तान ने इसका पालन नहीं किया। साथी ही कहा कि इन बिलों से भारत में रह रहे किसी भी मुसलमान को कोई खतरा नहीं है।
हमें दुनिया से सीखने की जरूरत नहीं
आगे कहा कि हमें दुनिया से धर्मनिरपेक्षता-लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं। हमें दुनिया से धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद, लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है। यह हमारी परंपराओं में है। हमारे खून में है। हमारे देश ने इन्हें लागू किया है और इन्हें जीवित रखा है।
भागवत ने बताया कैसे पाक बनाने की थी योजना
भागवत ने एक बयान में साफ कहा कि साल 1930 से योजनाबद्ध तरीके से मुस्लमानों की संख्या बढ़ाने के प्रयास हुए। ऐसा विचार था कि जनसंख्या बढ़ाकर अपना वर्चस्व स्थापित करेंगे और फिर इस देश को पाकिस्तान बनाएंगे। संघ प्रमुख गुवाहाटी के दो दिन के दौरे पर हैं।
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