हिंदुओं के पक्ष में फैसला आने पर जीत का जश्न नहीं मनाएगी आरएसएस

हिंदुओं के पक्ष में फैसला आने पर जीत का जश्न नहीं मनाएगी आरएसएस
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अयोध्या विवाद में कुछ ही दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाएगा। इसे लेकर आरएसएस का कहना है कि हम जीत या हार के रूप में किसी चीज का आकलन नहीं करते। कोर्ट के फैसले की व्याख्या केवल न्याय की जीत के रूप में की जा सकती है।

अयोध्या विवाद (Ayodhya DIspute) में जल्द ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला आने वाला है। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदुओं के पक्ष में आता है। तो आरएसएस द्वारा जीत का जश्न नहीं मनाया जाएगा। संघ परिवार के वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि "आरएसएस की परंपरा" के अनुसार संयम रखा जाएगा। यह भी उम्मीद की जा रही है कि हिंदुओं के पक्ष में फैसला आने की स्थिति में 2020 की शुरूआत में मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

कोर्ट के फैसले की व्याख्या न्याय की जीत के रूप में

संघ परिवार के संगठनों की दो दिवसीय बैठक के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हिंदुओं की जीत और मुस्लिमों की हार के रूप में नहीं दर्शाया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संघ कभी जीत नहीं मनाता है। क्या आपने हमें अनुच्छेद 370 के हटने के बाद जश्न मनाते देखा है? हम जीत या हार के रूप में किसी भी चीज का आकलन नहीं करते हैं। यह अदालत का फैसला होगा इसलिए जीत या हार का कोई सवाल नहीं है। इसकी व्याख्या केवल न्याय की जीत के रूप में की जा सकती है।

जाति के आधार पर भेदभाव को मिटाने के लिए काम करने की जरूरत

उनका यह भी कहना है कि हमारे पास कई और काम बाकी हैं। हमें जाति के आधार पर विभिन्न प्रकार से किए जाने वाले भेदभाव को मिटाने के लिए काम करने की जरूरत है। हमें देशवासियों के अंदर राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने और एक राष्ट्र के विचार को विकसित करने की आवश्यकता है। जिसके लिए अभी बहुत काम बचा है। हालांकि अभी तक संघ परिवार की ओर से मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांति बनाए रखने के संदेश को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने "आधिकारिक लाइन" माना है।

जनवरी 2020 में मकर संक्रांति से शुरू हो सकता है मंदिर निर्माण कार्य

वीएचपी अधिकारी का कहना है कि राम मंदिर निर्माण कार्य "मकर संक्रांति के दिन से शुरू होने की उम्मीद है"। "संभावना है कि निर्माण जनवरी 2020 में मकर संक्रांति के दिन शुरू होगा और 2024 में उसी दिन समाप्त होगा"। उन्होंने कहा कि अनुकूल निर्णय आता है तो संतों और महंतों की विभिन्न समितियां जो कि मामले में याचिकाकर्ता थे। वह मंदिर निर्माण की समयसीमा तय करेंगे। फैसले की संभावनाओं को लेकर, संघ के कई कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। हरिद्वार में प्रचारकों के आंतरिक प्रशिक्षण को सबसे विस्तृत राष्ट्रीय कार्यक्रम बनाया गया था। जिसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत भाग लेने वाले थे। इसे भी रद्द कर दिया गया है।

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