Russia को शुरू से था Luna 25 के साथ दुर्घटना होने का अंदेशा, जानें President Putin ने क्यों दे दी इजाजत

Russia’s Luna-25 crashes on Moon: चांद को फतेह करने के लिए रूस की धरती से उड़ान भरने वाला लूना 25 यान आज दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने रविवार को बताया कि यह यान चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे के साथ रूस का 50 साल पुराना सपना चकनाचूर हो गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर Luna 25 के साथ ऐसा क्या हुआ, जिसकी वजह से यह दुर्घटना घटी है। शुरुआती जांच में माना जा रहा है कि यह यान अपना रूट बदल नहीं सका और चांद की धरती से टकरा गया। वहीं, ऐसी क्या खामी थी, जिससे यह यान अपना रूट नहीं बदला, इसका पता लगाने के लिए मंत्रिस्तरीय बैठक बुलाने का निर्णय किया गया है। विदेशी मीडिया के मुताबिक, रूस को शुरू से अंदेशा था कि लूना 25 दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। बावजूद इसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने इस चंद्र मिशन (lunar mission) को इजाजत दे दी थी।
विदेशी मीडिया की मानें तो रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के बॉस यूरी बोरिसोव ने जून में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बताया था कि यह अभियान जोखिम भरा हो सकता है। उन्होंने बताया था कि इस अभियान के सफल होने की संभावना सिर्फ 70 फीसद है, जबकि असफल होने का प्रतिशत 30 फीसद है। यही नहीं, रूस चाहता था कि भारतीय चंद्रयान 3 के मुकाबले भले ही देरी से लॉन्च किया है, लेकिन वो चंद्रयान 3 से पहले चांद पर लैंडिंग कर ले। इसके लिए इस मिशन पर करीब 1600 करोड़ की लागत लगेगी। रूस ने यह सब जानने के बाद भी इस अभियान को हरी झंडी दे दी।
10 अगस्त को लॉन्च हुआ था लूना 25
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मंजूरी के बाद लूना 25 को 10 अगस्त को वोस्तोचन कॉस्मोड्रोम से लॉन्च कर दिया गया। बीते बुधवार को इसे चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया था। इस यान को कल यानी 21 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, लेकिन एक दिन पहले ही आज यह चांद की सतह से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस का कहना है कि चंद्रमा पर उतरने से पहले जांच के दौरान लूना 25 से जुड़ी तकनीकी खराबी की जानकारी मिली थी। काफी प्रयास करने के बावजूद इस खामी को ठीक नहीं किया जा सका, नतीजतन यह यान चंद्रमा की सतह पर क्रैश कर गया। विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया जा रहा है कि रूस की सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए मंत्रिस्तरीय बैठक बुलाने का निर्णय किया है ताकि भविष्य में ऐसी चूक से बचा जा सके।
रूस के लिए महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट था लूना 25
लूना-25 को चंद्रमा की सतह पर एक साल तक रहना था। लूना 25 से चांद की मिट्टी के नमूने एकत्र करने और पानी की तलाश करने की उम्मीद की गई थी। उम्मीद थी कि इसका उपयोग भविष्य के प्रक्षेपणों के लिए रॉकेट ईंधन बनाने और वहां रहने वाली संभावित कॉलोनियों के लिए योजना तैयार की जा सके। लैंडर पर लगे कैमरे पहले ही चंद्रमा की सतह की तस्वीरें ले चुके हैं, लेकिन अगर लूना 25 चांद पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर लेता तो अवश्य ही भारत के इस मित्र देश को अंतरिक्ष की दौड़ में एक नई पहचान मिल जाती। बहरहाल, लूना 25 के क्रैश होने के बाद अब पूरी दुनिया की निगाहें भारत के चंद्रयान 3 पर है, जो कि 23 अगस्त की शाम 6:04 बजे चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा और चांद से जुड़े कई रहस्यों का राज खुलने की उम्मीद है।
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