Same Sex Marriage का अभिषेक बनर्जी ने किया समर्थन, केंद्र की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) पर चल रही सुनवाई के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने गुरुवार को समलैंगिक विवाह के समर्थन किया है। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां पर हर किसी को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है। इसी के साथ ही इस मामले पर देरी के खिलाफ केंद्र सरकार (Central Government) की आलोचना भी की है।
समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) के विषय पर बोलते हुए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अधीन है। इसलिए यह मेरी निजी राय है कि प्यार का कोई निश्चित धर्म या जाति नहीं होती है। तो हर किसी व्यक्ति को प्यार करने का पूरा अधिकार है। साथ ही, कहा कि सभी को अपनी मर्जी का जीवन साथी चुनने के लिए पूर्ण अधिकार है।
#WATCH | "Everyone has the right to choose their own respective life partner, love has no limit. If I want to choose a life partner of my choice, if I'm a man & I'm fond of man, if I'm a woman, I'm fond of woman...hopeful SC will rule in favour of ethos we take pride in": TMC Gen… pic.twitter.com/jEuAyK4OnK
— ANI (@ANI) April 21, 2023
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी
समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को कानूनी मान्यता देने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई लगातार तीन दिनों से सुनवाई जारी है। केंद्र सरकार इन याचिकाओं का विरोध कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए केंद्र ने कहा कि इस पर कानून बनाने का अधिकार देश की संसद को है। केंद्र सरकार (Central Government) ने इस मामले में एक हलफनामा भी दायर किया था कि समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) के विषय पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पक्ष को भी सुना जाना चाहिए, लेकिन कोर्ट से इसको खारिज कर दिया था।
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इसके साथ ही केंद्र ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर 10 दिनों में अपने विचार रखने को कहा है। राज्यों के पक्ष के जानने को लेकर भी अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला उन्होने कहा कि अगर केंद्र को राज्यो के विचार जानने थे तो पिछले सात वर्षों में भी ऐसा कर सकते थे। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इस मुद्दे पर कुछ भी राय व्यक्त करने से मना कर दिया है।
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