Maharashtra Politics: संजय राउत बोले- शिवसेना का निशान 2000 करोड़ में खरीदा गया, शिंदे गुट ने पूछा- क्या आप थे कैशियर

इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार जुबानी जंग का सिलसिला लगातार जारी है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम शिंदे गुट को सौंप दिया था, जिसके बाद से शिदे गुट खुशी से फूला नहीं समा रहा है। वहीं, उद्धव गुट के नेता चुनाव आयोग के निर्णय से खुश नहीं हैं। चुनाव आयोग के इस कदम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी सही ठहराया। इस पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए टिप्पणी की है।
चुनाव चिन्ह छीनने के लिए 2000 करोड़ का सौदा
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने रविवार को ट्वीट करते हुए दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम और उसके धनुष और तीर के चिन्ह को खरीदने के लिए अब तक 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है और यह आंकड़ा बिल्कुल सत्य है। इसके साथ ही कहा कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने उनको यह जानकारी मुहैया कराई है। संजय राउत ने कहा कि इस दावे के समर्थन में सबूत मौजूद हैं, जिसका खुलासा जल्द ही किया जाएगा।
#WATCH शिवसेना और उसका निशान (तीर-कमान) चिह्न छीना गया है और ऐसा करने के लिए इस मामले में अब तक 2,000 करोड़ रुपए की लेनदेन हुई है: उद्धव ठाकरे गुट के नेता व सांसद संजय राउत, मुंबई pic.twitter.com/6hyQHLjMZr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2023
उन्होंने कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे भ्रष्ट हैं। विधायकों को 50-50 करोड़ में खरीदा गया, जबकि सांसदों को खरीदने के लिए 100-100 करोड़ रुपये दिए गए। वहीं, इस बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे से विधायक सदा सर्वंकर ने इस दावे को झूठा बताकर खारिज कर दिया और पूछा क्या संजय राउत कैशियर हैं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर साधा निशाना
चुनाव आयोग के फैसले पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी बयान दिया था। अमित शाह ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान शिवसेना के नाम और निशान को लेकर कहा था कि चुनाव आयोग ने दूध का दूध और पानी कर दिया है। इसी पर संजय राउत ने पलटवार करते हुए कहा है कि अमित शाह क्या बोलते हैं, इस बात पर महाराष्ट्र के लोग ध्यान नहीं देते हैं। जो सत्य को खरीदने का काम करते हैं, वो झूठ और सच की क्या बात कर रहे हैं। इसका निर्णय लेने का काम जनता के पास है और समय आने पर वो करेगी। शिवसेना किसकी थी और किसकी होगी ये निर्णय महाराष्ट्र की जनता करेगी।
उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने का किया फैसला
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना का चुनाव चिह्न और पार्टी का नाम शिंदे गुट को सौंप दिया था। इसके बाद से उद्धव ठाकरे गुट नाराज था। इसी के बाद उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इसी के साथ-साथ एकनाथ शिंदे गुट ने भी इस याचिका के खिलाफ एक विरोध पत्र दाखिल करने का फैसला किया है।
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