सत्यपाल मलिक बोले- किसानों की मांग पूरी नहीं हुई तो सत्ता में नहीं लौटेगी भाजपा सरकार, जानें पार्टी के बारे में और क्या कहा

मेघालय (Meghalaya) के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Governor Satya Pal Malik) ने सरकार से प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। राजस्थान (Rajasthan) के झुंझुनू जिले में एक कार्यक्रम के मौके पर स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए कहा सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने कहा कि यदि किसानों की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह सरकार (BJP-बीजेपी) सत्ता में नहीं लौटेगी।
राज्यपाल ने यह भी कहा, भाजपा नेता अब चुनाव वाले उत्तर प्रदेश के कई गांवों में प्रवेश भी नहीं कर सकते हैं। मैं मेरठ से हूं। मेरे क्षेत्र के कोई भी भाजपा नेता किसी गांव में प्रवेश नहीं कर सकता है। भाजपा नेता मेरठ में, मुजफ्फरनगर में, बागपत में प्रवेश नहीं कर सकते हैं। पत्रकारों ने राज्यपाल से पूछा कि क्या आप किसानों के साथ खड़ें होने के लिए पद को छोड़ देंगे। इस पर उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ खड़े हैं और वर्तमान में अपने पद को छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ऐसा भी कर सकते हैं।
इसके अलावा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों के विरोध के मुद्दे पर उन्होंने कई लोगों के साथ लड़ाई लड़ी है। उनके लिए मैंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सभी से लड़ाई की है। मैंने सभी से कहा है कि तुम गलत कर रहे हो, ऐसा मत करो। अगर सरकार कानूनी रूप से एमएसपी की गारंटी देती है, तो इसका समाधान किया जाएगा। केवल एक ही चीज है, आप वह भी नहीं कर रहे हैं। क्यों… बिना एमएसपी के कुछ नहीं होगा।
मेघालय के राज्यपाल ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री को कोई संदेश नहीं देंगे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से अपनी राय देंगे। खास तौर से, सिखों के बारे में ये लोग जानतें नहीं हैं। निहत्ते गुरुओं ने पूरी मुगल सम्राट से लड़ी है। तो उनको तंग नहीं करना चाहिए (विशेषकर, वे सिखों के बारे में नहीं जानते)... उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर सरकार उनसे पूछे तो वह केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं। एक बात है, जो इसका समाधान करेगी। आप एमएसपी की गारंटी देते हैं, मैं किसानों को समझाऊंगा कि तीन कानून होल्ड पर हैं, अब इसे छोड़ दें।
किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिलनी चाहिए। अगर यह नहीं है तो वे बर्बाद हो जाएंगे। इससे कम पर वे कोई समझौता नहीं करेंगे। किसान एक साल से अधिक समय से तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में मलिक ने किसानों के समर्थन में कहा था कि उनका अपमान नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने सरकार से चल रहे संकट को हल करने का आग्रह भी किया था।
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