हाथरस कांड में तीन आरोपी बरी, एक को मिली आजीवन कारावास, परिजन बोले- हाई कोर्ट जाएंगे

Hathras Gang Rape Case: गुरुवार को ढाई साल बाद SC/ST कोर्ट ने हाथरस कांड का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने हाथरस कांड में 4 आरोपियों में से सिर्फ एक संदीप ठाकुर को दोषी माना है, जबकि तीन आरोपी लवकुश सिंह, रामू सिंह और रवि सिंह को बरी कर दिया है। कोर्ट ने संदीप को गैर इरादतन हत्या यानी धारा 304 और SC/ST एक्ट में दोषी करार दिया है। संदीप को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चारों आरोपियों में से किसी पर भी पर गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। कोर्ट के फैसले पर पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा है कि वह अदालत के फैसले का विरोध करते हैं और इससे खिलाफ हाईकोर्ट में जाएंगे। बता दें कि इससे पहले गुरुवार सुबह 4 आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया था। हाथरस कांड के फैसले को देखते हुए अदालत में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था।
पीड़िता की वकील बोली- परिवार ने संभाल रखी हैं अस्थियां
कोर्ट के फैसले से पहले पीड़ित पक्ष की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि पीड़िता का परिवार लगभग ढाई साल से न्याय के लिए लड़ाई लड़ रहा है। वकील ने कहा कि परिवार के लोगों ने अपनी बेटी की अस्थियां अभी तक संभालकर रखी हुई हैं। परिवार वाले कहते हैं कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, वे अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। जिस दिन न्याय मिलेगा, उस दिन उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।
वकील ने कहा कि घटना के बाद मामले में परिवार वालों को 25 लाख रुपए मुआवजा के तौर पर देने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि कनिष्ठ सहायक पद पर परिवार के लिए एक सदस्य को नौकरी और हाथरस शहर में ही एक घर देने की घोषणा भी की गई थी, लेकिन अब तक ये वादे पूरे नहीं हुए।
पीड़िता के परिवार वाले लगातार संघर्ष कर रहा है। हर जगह सुरक्षा के साथ ही जाता है। उन्होंने कहा कि परिवार सीआरपीएफ के जवानों की सुरक्षा में जी रहा है। परिवार का कोई भी सदस्य नौकरी नहीं कर पा रहा है। इसके साथ ही बच्चियों की नौकरी छूट गई। वकील ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि बेटी के साथ हुए गैंगरेप के आरोपियों को अदालत सख्त से सख्त सजा देगा, पर ऐसा नहीं हुआ।
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