हंदवाड़ा हमले के बाद मोदी सरकार से शिवसेना ने की मांग, कहा- दोबारा हो सर्जिकल स्ट्राइक

जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में शहीद हुए जवानों को लेकर शिवसेना के मुखपत्र सामना में मोदी सरकार से दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक करने की अपील की गई है। शिवसेना ने मंगलवार को हंदवाड़ा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों का बदला लेने से बदला लेने के लिए कहा कि एक बार फिर से सर्जिकल स्ट्राइक होनी चाहिए।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना ने मंगलवार को मुख्य पत्र सामना में लिखा के बहादुर जवानों को अपनी ही धरती पर मार दिया गया और यह ऐसे समय में हुआ जब केंद्र में मजबूत एक देशभक्त सरकार है। शिवसेना ने कहा कि जहां एक तरफ देश में कोरोना वायरस की वजह से संकट है। वहीं दूसरी तरफ कश्मीर में किसी भी तरह के हमले को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है सुरक्षा बलों द्वारा हाल ही में कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहे अस्पतालों पर फूल बरसाए जाने का हवाला देते है।
शिवसेना ने कहा कि हंदवाड़ा में 5 जवानों की शहादत का बदला लेने लेने के लिए बिना किसी हो हल्ला के सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए। सरकार को 5 जवानों की शहादत का बदला जरूर लेना चाहिए। यह सही संकेत नहीं है। एक बार में मारे गए इससे पहले पाकिस्तान में एक बार घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसके बाद भारत में कड़ी कार्रवाई करते हुए सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
इस दौरान शिवसेना ने बिना किसी पार्टी या दल के नाम लिए बिना कहा कि हंदवाड़ा में जो जवान शहीद हुए हैं। उनके परिवार के घर के ऊपर भी फूलों की बरसात होनी चाहिए। सामना में साफ कहा गया है कि देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी देने वाले जवानों में एक मुस्लिम जवान दिखाइए जो भी हिंदू मुस्लिम राजनीति कर रहे हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए। शहीद हुए जवानों में 21 राष्ट्रीय रायफल के कमांडिंग अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के उप निरीक्षक शकील काजी शामिल हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों हंदवाड़ा में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के 5 जवान शहीद हो गए थे। लेकिन उसके बाद अगले ही दिन इसी सेक्टर में 7 जवान शहीद हो गए। ऐसे में लगातार दो बार हमले हुए हैं।
इस दौरान शिवसेना ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री के कड़े फैसलों के बाद हटा दिया गया। लेकिन अभी भी घाटी में जवानों के शहीद होने का सिलसिला जारी है।
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