Shraddha Murder Case की चार्जशीट प्रसारित नहीं होगी, Delhi HC का फैसला

Delhi Shraddha Murder Case: दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस (Shraddha Murder Case) में बड़ा अपडेट आया है। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने निर्देश जारी किया है कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड की चार्जशीट (Charge Sheet) से संबंधित किसी भी प्रकार के तथ्य को सार्वजनिक नहीं करें। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को ये निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि श्रद्धा हत्याकांड की चार्जशीट में शामिल सामग्री किसी भी समाचार चैनलों (News Channels) पर प्रसारण (Broadcast) नहीं होना चाहिए।
दिल्ली पुलिस ने दी थी कोर्ट में याचिका
बता दें कि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने इस मामले में 6629 की चार्जशीट 24 जनवरी 2023 को फाइल की थी। याचिका में दिल्ली पुलिस ने मांग की थी कि मीडिया हाउस द्वारा श्रद्धा मर्डर से जुड़ी जानकारियों को प्रकाशित नहीं की जाए, ताकि कोई कॉन्फिडेंशियल जानकारी (Confidential Information) बाहर न आए। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि मीडिया के प्रशारण से कई ऐसा जानकारी भी लीक हो जा रही है, जो नहीं होना चाहिए। इससे जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है।
दिल्ली पुलिस ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है। आज यानी बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई (Petition Hearing) करते हुए श्रद्धा हत्याकांड की चार्जशीट में शामिल सामग्री को समाचार चैनलों पर प्रसारित करने से रोक लगा दिया है।
श्रद्धा मर्डर केस में 29 अप्रैल को आएगा फैसला
श्रद्धा हत्याकांड मामले में 15 अप्रैल को सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) के खिलाफ लगे आरोपों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले में 29 अप्रैल को फैसला सुनाया जाएगा। इसके अलावा श्रद्धा के पिता विकास वालकर (Vikas Walker) ने कोर्ट में एक याचिका दी थी। इस याचिका में पिता ने बेटी का अंतिम संस्कार करने के लिए उसकी अस्थियां सौंपने की मांग की थी। कोर्ट ने इस पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
सुनवाई के दौरान आफताब के वकील ने क्या कहा
शनिवार को हुई सुनवाई में आफताब के वकील अभिषेक भंडारी (Abhishek Bhandari) ने कोर्ट में दलील (Plea) देते हुए कहा कि अभियुक्त पर हत्या और साक्ष्य नष्ट करने के मुख्य अपराध के लिए संयुक्त आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं, इस तथ्य को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने कहा कि संयुक्त आरोप अभियुक्त के अधिकार को प्रभावित करेंगे।
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