Haribhoomi Explainer: मणिपुर की घटना से 3 राज्यों की सियासत गरमाई, बिहार-झारखंड और राजस्थान में हुई सियासी हलचल

Haribhoomi Explainer: मणिपुर में हुई जातीय हिंसा (Ethnic Violence) की आग वहां के लोगों को तो झुलसा ही रही है, लेकिन इस जातीय हिंसा की आग में दूसरे राज्य भी धीरे-धीरे चपेट में आने लगे हैं। कूकी समाज की दो महिलाओं के साथ हुई शर्मसार घटना की गूंज लोकसभा (Lok Sabha) के साथ-साथ राज्यों के विधानसभा (Assembly) में भी सुनाई पड़ी रही है। हिंसा को लेकर राजस्थान (Rajasthan) विधानसभा में भरे सदन में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को सीएम गहलोत (CM Gehlot) ने बर्खास्त कर दिया। मणिपुर की घटना जब सदन में चर्चा का विषय बना, तो गुढ़ा ने यह बयान दिया था कि सीएम अशोक गहलोत को भी अपने गिरेबान में भी झांकने की जरूरत है। उनके कहने का मतलब था कि राजस्थान लगातार दुष्कर्म के मामले में शीर्ष पर बना हुआ है। मणिपुर हिंसा को लेकर सियासत केवल राजस्थान में ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में मणिपुर हिंसा को लेकर सियासत शुरू हो गई है। आपको बता दें कि मणिपुर की हिंसा को लेकर झारखंड (Jharkhand) के सीएम हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने हिंसा से दुखी होकर राष्ट्रपति (President) को चिट्ठी लिख डाली। उन्होंने उन्हें आखिरी उम्मीद बताई। उसके बाद भाजपा नेता झारखंड में हेमंत के कार्यकाल की उन घटनाओं को गिनाने लगे, जो महिलाओं के साथ बर्बरता की गवाही देते हैं। आइए आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर के माध्यम से हम आपको बताते हैं कि कैसे मणिपुर की हिंसा ने दूसरे राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
मणिपुर की घटना की सजा मिली राजस्थान के मंत्री को
गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने विधानसभा में अपनी ही सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। आगे गुढ़ा ने कहा था कि हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि हम महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल रहे हैं। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, उनपर अंकुश लगाने की जरूरत है। हमें मणिपुर हिंसा के बजाय अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। मंत्री के इस बयान के बाद शाम होते होते सीएम गहलोत ने उन्हें मंत्री पद से हटा दिया।
भाजपा ने कहा हकीकत छुपाए नहीं छुपती
सत्ता पक्ष में जब जब अनबन होती है, तो विपक्ष को तंज कसने का मौका मिल जाता है। राजस्थान में अभी यही हो रहा है। राजस्थान नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि राजस्थान में बहन-बेटियों के ऊपर हो रहे अत्याचारों और दुष्कर्म की असलियत स्वयं राजस्थान सरकार के मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा बता रहे हैं। संविधान के अनुच्छेद 164 (2) के तहत मंत्रिमंडल सामूहिक रूप से उत्तरदायित्व होता है सरकार के काम काज का। इस प्रकार एक मंत्री का बयान पूरे मंत्रिमंडल यानी सरकार का माना जाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हमारी बात पर नहीं, तो कम से कम अपनी सरकार के मंत्री के बयान पर तो संज्ञान लो। मुख्यमंत्री के रूप में लचर कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी तो संभाल लो।
सीएम गहलोत ने बोला पीएम मोदी पर हमला
शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत (Chief Minister Gehlot) ने कहा कि मणिपुर में कांग्रेस (Congress) की सरकार होती, तो सोचिए ये भाजपा (BJP) वाले क्या-क्या करते। प्रधानमंत्री (Prime Minister) विदेश घूम रहे हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ (Rajasthan and Chhattisgarh) में जा रहे हैं, लेकिन मणिपुर तो नहीं गए। पीएम को मणिपुर (Manipur) जाकर हिंसा को शांत कराना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर अभी भी हिंसा की आग में जल रहा है, लेकिन अफसोस हिंसा को 77 दिन हो गए, प्रधानमंत्री ने हिंसा को शांत करने के लिए मणिपुर का एक भी दौरा नहीं किया। मणिपुर हिंसा पर बयान में प्रधानमंत्री ने राजस्थान का भी नाम लिया, जो राजस्थान के स्वाभिमान पर गहरा प्रहार है। पीएम ने कहा कि मणिपुर की हिंसा से पूरा देश दुखी है, देशवासी सिर्फ दुखी ही नहीं सरकार की विफलता पर शर्मसार हैं।
महिला सुरक्षा को लेकर बदनाम है राजस्थान
एनसीआरबी (NCRB) के हर साल जारी होने वाले आंकड़े बताते हैं कि देश में दुष्कर्म के मामले में राजस्थान लगातार अव्वल बना हुआ है। दुष्कर्म और महिला हिंसा को लेकर अपराधियों की बेलगाम संख्या इसकी गवाह है। एनसीआरबी के रिपोर्ट में लगातार पिछले तीन सालों से महिला हिंसा के मामलों में राजस्थान टॉप पर है। साल 2020 के जनवरी से अप्रैल 2022 तक दुष्कर्म के 13,890 मामले राजस्थान में सामने आए हैं। इनमें अकेले 11,307 दुष्कर्म की वारदात नाबालिग लड़कियों के साथ हुई। राजस्थान में साल 2021 में 6,377 दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए थे, जो साल 2020 के 5,310 के मुकाबले एक हजार से अधिक हैं। हालांकि, कई मामले जांच के दौरान झूठे भी निकलते हैँ।
नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म
राजस्थान में साल 2020 के जनवरी से 2022 के अप्रैल के बीच दुष्कर्म के जो 13,890 मामले दर्ज हुए, उनमें से 11,307 दुष्कर्म नाबालिग बच्चियों के साथ हुए हैं। दरिंदों ने 2 साल से 12 साल तक की उम्र की 170 लड़कियों से इस अवधि में दुष्कर्म किया। राजस्थान में दुष्कर्म के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया है। सरकार ने 2013 में फांसी की सजा का प्रावधान किया था। जयपुर में ही सात पॉक्सो कोर्ट बनाए गए हैं। पाक्सो कोर्ट में हजार से ऊपर मामले अब भी चल रहे हैं। कुछ मामलों में अदालतों ने फांसी की सजा भी सुनाई, लेकिन ऊपरी अदालत में वे मामले अब भी लंबित हैं।
बिहार में भी मणिपुर हिंसा की झलक
बिहार (Bihar) के बेगूसराय (Begusarai) जिले में भी मणिपुर के जैसी ही हिंसा हुई है। अधेड़ उम्र के एक संगीत शिक्षक अपनी ही शिष्या के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया था। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने मानसिक नंगई की हद पार करते हुए दोनों को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया और उनकी जमकर पिटाई की। लड़की को नग्न अवस्था में पीटने का वीडियो वायरल होने के बाद बिहार में हलचल मच गई है। बिहार के पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नीरज कुमार बबलू ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला बोला है। नीरज ने कहा कि प्रदेश में बेटियों के साथ हो रही इस तरह की घटना बेहद चिंतनीय और शर्म को भी शर्मसार करने वाली है। गृह राज्य बिहार में ही शर्मसार करने वाली घटनाएं हो रही हैं और सीएम प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख रहे हैं। नीतीश कुमार को देश के बारे में नहीं पहले अपने राज्य के बारे में सोचने की जरूरत है।
Also Read: Happy Birthday Manoj Kumar: 86 साल के हुए 'भारत कुमार', यहां पढ़िए एक्टर मनोज कुमार की दिलचस्प कहानी
हालांकि, घटना का वीडियो सामने आने के बाद बेगूसराय जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तेघड़ा डीएसपी (DSP) के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और उन्हें घटना की जांच की जिम्मेवारी दी। बेगूसराय के एसपी (SP) योगेंद्र कुमार ने मीडिया को बताया कि वीडियो में दिख रहे शिक्षक के अलावा जो भी अन्य लोग वहां मौजूद हैं उन सबों को चिन्हित किया जा रहा है। जिसके बाद उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS