जानिए कैसे बना एक पुलिस वाले का बेटा खूंखार गैंगस्टर, जिसके पास देशभर में हैं 600 से ज्यादा शार्प शूटर

जानिए कैसे बना एक पुलिस वाले का बेटा खूंखार गैंगस्टर, जिसके पास देशभर में हैं 600 से ज्यादा शार्प शूटर
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पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की शूटिंग में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम सामने आया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक वीके भावरा ने सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में सीधे लॉरेंस बिश्नोई का नाम लिया है।

पंजाबी सिंगर और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala) के हत्याकांड मामले में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का नाम सामने आया है। लॉरेंस इसे पहले भी देशभर में कई संगीन मामलों को लेकर सुखियों में रह चुका हैं। लॉरेंस विश्नोई गैंग (Lawrence Bishnoi Gang) ने दावा किया कि पिछले साल मोहाली में विक्की मिद्दुखेड़ा (Vicky Middukheda) की मौत के लिए सिद्धू मूसवाला जिम्मेदार था।

कई राज्यों में मोस्ट वांटेड

विक्की को लॉरेंस गैंग (Lawrence Gang) का करीबी माना जाता है। लॉरेंस विश्नोई पंजाब और राजस्थान समेत कई राज्यों में मोस्ट वांटेड (Most Wanted) है। फिलहाल विश्नोई राजस्थान की अजमेर जेल में बंद हैं। लॉरेंस पंजाब के फाजिल्का जिले का रहने वाला है। फाजिल्का राजस्थान से सटा हुआ है। इसी कारण लॉरेंस का नेटवर्क पंजाब के साथ-साथ राजस्थान में भी फैला हुआ है। इसी नेटवर्क की मदद से वह जेल में बंद होने के बाद भी व्यापारियों से रंगदारी वसूलने का धंधा चलाता है।

सलमान खान को दी थी मारने की धमकी

लॉरेंस ने 2018 में बॉलीवुड के जानें माने अभिनेता सलमान खान (Salman khan) को जान से खत्म करने की धमकी दी थी। बताया जाता हैं लॉरेंस ने ऐसा इसलिए किया था क्योकि वह सलमान का विरोध करने वाले लोगों का दिल जीत सके। उसी रणनीति पर काम करते हुए उन्होंने राजस्थान में आनंदपाल गिरोह का भी समर्थन किया है। ताकि आनंदपाल की मौत के बाद वह अपने गिरोह का सरगना भी बन सके। और राजस्थान में इसके नेटवर्क को और मजबूत किया जा सके।

लॉरेंस विश्नोई के पिता थे पुलिसकर्मी

लॉरेंस विश्नोई का जन्म 22 फरवरी 1992 में पंजाब के फाजिल्का में हुआ था। उसकी माँ ने उसका नाम लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) रखा था। लॉरेंस जिसका का अर्थ हैं कि दूध की तरह सफेद चमकने वाला। जो कि एक ईसाई नाम है। लॉरेंस के पिता का नाम लविंदर सिंह है। वह पुलिस में तैनात थे। लविंदर के पास करोड़ों की जमीन थी। इसलिए प्यारे बेटे ने बचपन से जो कुछ भी मांगा, उसकी हर मनोकामना पूरी हुई। लॉरेंस खेल में अच्छा था। इसलिए परिवार सोचता था कि एक दिन वह खेल के क्षेत्र में परिवार का नाम रोशन करेगा। पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया। यहीं से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा।

कॉलेज में लड़ा था चुनाव

हुआ कुछ यूं कि दोस्तों ने लॉरेंस को कॉलेज में चुनाव लड़ने के लिए तैयार कर लिया। लॉरेंस ने चुनाव से पहले एक संगठन बनाया था। जिसका नाम रखा गया स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) लॉरेंस ने कॉलेज के अध्यक्ष का चुनाव जितने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सका। इस कारण गुस्से में आ आकर लॉरेंस ने एक रिवॉल्वर खरीद ली। फरवरी 2011 में एक दिन, जब विरोधी गुट के साथ लड़ाई हुई तो लॉरेंस ने गोलियां चला दीं। मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया।

देश के सबसे अमीर गैंगस्टर में हुआ था शामिल

एफआईआर (FIR) से बचने के लिए लॉरेंस कुख्यात गैंगस्टर जग्गू (Gangster Jaggu) भगवानपुरी के गिरोह में शामिल हो गया। जोकि पंजाब के भगवानपुर का रहने वाला जग्गू देश का सबसे अमीर गैंगस्टर (Gangsters) बताया जाता है। वह इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल (Delhi Tihar Jail) में बंद है। इसी के बाद लॉरेंस पे कई आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया।

600 से ज्यादा शार्प शूटर

इसके बाद लॉरेंस ने जग्गू को सिखाए तरकीबों का इस्तेमाल करते हुए संपत नेहरा और नरेश शेट्टी और सुखा जैसे गैंगस्टरों को शामिल कर एक बड़ा नेटवर्क बनाया और अपना सिक्का जमा लिया। इसी नेटवर्किंग का नतीजा है कि लॉरेंस भले ही इस समय अजमेर जेल में बंद है, लेकिन देश के अलग-अलग इलाकों में 600 से ज्यादा शार्प शूटर ऐसे हैं जो किसी भी आपराधिक संकेत मिलते ही अंजाम देते हैं।

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