'सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं', इजरायल-हमास युद्ध पर मोदी सरकार के स्टैंड पर भड़कीं Sonia Gandhi

सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं, इजरायल-हमास युद्ध पर मोदी सरकार के स्टैंड पर भड़कीं Sonia Gandhi
X
Sonia Gandhi Article: सोनिया गांधी ने इजराइल और हमास युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर भारत की अनुपस्थिति पर विरोध जताया है।

Sonia Gandhi Article: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इजराइल में संघर्ष विराम के आह्वान पर भारत के अनुपस्थित रहने का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने एक आर्टिकल लिखकर केंद्र सरकार की निंदा की है। सोनिया गांधी ने आर्टिकल में लिखा है कि इजराइल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख वर्षों से एक जैसा रहा है।

द हिंदू में छपे एक आर्टिकल में सोनिया गांधी ने लिखा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमास के हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की थी, लेकिन इस युद्ध को इजरायल ने और बढ़ा दिया है, जिससे गाजा में बेकसूर लोगों की जानें जा रही हैं। उन्होंने कहा है कि फिलिस्तीन के एक संप्रभु स्वतंत्र, व्यवहार्य और सुरक्षित राज्य के लिए सीधी बातचीत का और इजराइल के साथ शांति से रहना का कांग्रेस ने हमेशा से समर्थन किया है।

UN में मतदान से भारत की दूरी पर सोनिया गांधी ने जताया विरोध

सोनिया गांधी ने लिखा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर भारत की अनुपस्थिति का कड़ा विरोध करती है। बता दें कि संयुक्त महासभा के प्रस्ताव में गाजा में इजरायली सेना और हमास के बीच तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम के लिए शत्रुता की समाप्ति का आह्वान किया गया है। भारत इसमें अनुपस्थित था।

सोनिया गांधी ने आगे लिखा कि इजराइल और फिलिस्तीन दोनों पक्षों में, कई लोग बातचीत चाहते हैं और इसे ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता मानते हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कई प्रभावशाली देश पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं, जबकि उन्हें युद्ध समाप्त करने के लिए प्रयास करने चाहिए।

'गाजा में मानवता की परीक्षा ली जा रही'

उन्होंने आगे लिखा कि गाजा में मानवता की परीक्षा ली जा रही है। इजरायल पर क्रूर हमलों से हम सामूहिक रूप से कम पड़ गए थे, लेकिन अब इजरायल की प्रतिक्रिया से हम और कमजोर हो गए हैं। हमारी सामूहिक चेतना के जागने से पहले न जाने कितने और लोगों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ेगी।

उन्होंने आर्टिकल में आगे लिखा कि 7 अक्टूबर को योम किप्पुर युद्ध की 50वीं वर्षगांठ पर, हमास ने इजराइल पर एक क्रूर हमला किया, जिसमें एक हजार से अधिक लोग मारे गए, ज्यादातर आम नागरिक और 200 से अधिक का अपहरण किया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि यह हमला विनाशकारी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इसकी निंदा भी की थी। उन्होंने कहा कि सभ्य समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है।

'आतंकी हमले की निंदा होनी चाहिए': भारत

बता दें कि भारत ने जॉर्डन-मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया, जिसमें इजराइल में संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था, लेकिन हमास के हमले की निंदा नहीं की गई थी। भारत ने हमास की निंदा करने वाला एक पैराग्राफ शामिल करने के लिए कनाडा द्वारा प्रस्तावित संशोधन के पक्ष में मतदान किया। भारत ने कहा कि आतंकी हमले की निंदा की जानी चाहिए, इसलिए वह मतदान से दूर रहा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बेहद कड़ा है। जयशंकर ने कहा अगर हम यह कहें कि जब आतंकवाद हमें प्रभावित करता है, तो यह बहुत गंभीर होता है, जब यह किसी और के साथ होता है, तो यह गंभीर नहीं होता है। हमें एक सतत रुख अपनाने की जरूरत है।

ये भी पढ़ें:- Telangana elections 2023: केसीआर ने UP सीएम योगी पर कसा तंज, बोले- अपने प्रदेश में भोजन की गारंटी नहीं और...

Tags

Next Story