Sonia Gandhi Birthday: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का जन्मदिन आज, पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने दी शुभकामनाएं

Sonia Gandhi Birthday: सोनिया गांधी भारतीय राजनीति के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण नामों में से एक हैं। वह शनिवार यानी आज 9 दिसंबर को 77 साल की हो गई हैं। सुबह से ही बधाइयों का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी को जन्मदिन पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि श्रीमती सोनिया गांधी जी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं। उन्हें लंबे और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिले।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे, केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी सोनिया गांधी को उनके 77वें जन्मदिन पर बधाई दी। एक्स पर एक पोस्ट में खरगे ने कहा कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर बधाई। हाशिए पर मौजूद लोगों के अधिकारों की एक निरंतर समर्थक, वह साहस, धैर्य और निस्वार्थ बलिदान के साथ विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए अत्यंत दयालुता का प्रतीक रही हैं। मैं उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।
शशि थरूर ने भी दी बधाई
शशि थरूर ने कहा कि सोनिया गांधी ने बहुत विशिष्टता के साथ कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया है और वह इसके सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सोनिया गांधी जी को एक शानदार जन्मदिन और एक शानदार वर्ष की शुभकामनाएं। थरूर ने कहा कि वह लंबे समय तक स्वस्थ और प्रसन्न रहें और हमारी पार्टी का मार्गदर्शन करती रहें और हमारे देश की सेवा करती रहें।
सोनिया गांधी का राजनीतिक करियर
भारतीय राजनीति की उज्ज्वल चरित्र सोनिया गांधी का जन्म इटली में हुआ था। उनका जन्म 1946 में इटली के लुसियाना में हुआ था। इटली में अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, सोनिया ने उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड के कैंब्रिज में पढ़ाई शुरू की। वहां राजीव गांधी ने उनसे बात की। इसके बाद 1968 में सोनिया ने राजीव से शादी कर ली। वह राजीव से शादी के सिलसिले में भारत आई थीं।
लेकिन राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया की मासूम सी दिखने वाली जिंदगी में जबरदस्त बदलाव आया। 1991 में राजीव की हत्या कर दी गई। गांधी परिवार की राजनीति की परंपरा को कायम रखने के लिए सोनिया राजनीतिक मैदान में उतरीं। कांग्रेस ने बढ़त बना ली। 1998 में देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। उनके नेतृत्व में कांग्रेस धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के अपने आदर्शों पर दृढ़ रही। वह 1999 में पहली बार सांसद चुनी गईं। 2004 में एनडीए गठबंधन को हराकर यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) ने सरकार बनाई।
कांग्रेस नेतृत्व वाले इस गठबंधन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भी सोनिया के पास थी। 2004 में यूपीए के गठन के बाद सभी को लगा कि सोनिया प्रधानमंत्री बनेंगी। उन्हें विपक्ष के 'विदेशी' कटाक्ष को भी पचाना पड़ा। लेकिन सोनिया ने पार्टी के लिए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने यूपीए और कांग्रेस की जिम्मेदारी निभाई हैं। यूपीए सरकार लगातार 10 साल तक सत्ता में रही। 2004-2014 तक यूपीए सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम और सूचना का अधिकार अधिनियम। माना जाता है कि इन दोनों कानूनों को पारित कराने में सोनिया की अहम भूमिका रही है। 2007 में उन्हें दुनिया की शक्तिशाली महिलाओं की सूची में तीसरा स्थान दिया गया था। 2010 में फोर्ब्स की दुनिया के सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में उन्हें 10वें स्थान पर रखा गया था।
2014 में यूपीए गठबंधन को हराकर एनडीए सत्ता में आई थी। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने। इसके बावजूद सोनिया संसद में विपक्ष के तौर पर अहम भूमिका निभाती नजर आई हैं। हालांकि, उनकी तबीयत भी बिगड़ने लगी। 2017 में उन्होंने कांग्रेस की जिम्मेदारी अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी। कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद भी सोनिया का पार्टी में प्रभाव बरकरार है। लेकिन बिगड़ती सेहत के कारण सोनिया अब ज्यादा इवेंट्स में नजर नहीं आती हैं। लेकिन वह तेलंगाना में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थी। तेलंगाना में कांग्रेस की जीत निश्चित तौर पर उनके 77वें जन्मदिन का सबसे बड़ा तोहफा है।
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