Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: जानें इस बार कब मनाया जाएगा पराक्रम दिवस, फ्री में बुक करें टिकट

Subhas Chandra Bose Jayanti 2023: जानें इस बार कब मनाया जाएगा पराक्रम दिवस, फ्री में बुक करें टिकट
X
नेताजी सुभाष चंद्र की 126वीं जयंती इस साल 23 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पराक्रम दिवस का कार्यक्रम दो दिवसीय 23 और 24 जनवरी को होगा।

भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को कौन नहीं जानता है। भारत की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक गांव में हुआ था। इनके माता का नाम प्रभावती और पिता का नाम जानकीनाथ था। पिता पेशे से वकील थे। सुभाष चंद्र बोस ने 'जय हिन्द' का नारा दिया था। नेताजी भारतीय स्वतंत्रता के हीरो थे। इन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया था। सुभाष चंद्र के अतुलनीय पराक्रम को याद करने के लिए प्रत्येक साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाकर नेताजी को याद किया जाता है, साथ ही इस अवसर पर इन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।

पराक्रम दिवस पर कार्यक्रम के लिए फ्री टिकट बुक करें

नेताजी सुभाष चंद्र की 126वीं (पराक्रम दिवस) जयंती इस साल 23 जनवरी और 24 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। इस पराक्रम दिवस को मनाने के लिए सशस्त्र बलों द्वारा संगीत, जनजातीय नृत्य आदि का आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम नई दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में आयोजन होगा। दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान भारतीय सैन्य बलों द्वारा सशस्त्र बलों की क्षमता और भारत की जनजातीय कल्चर की विशिष्ट कला व सुंदरता का प्रदर्शन होगा। इस दो दिवसीय उत्सव पर मुफ्त टिकट की भी व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम के लिए मुफ्त टिकट बुक माई शो www.bookmyshow.com पर उपलब्ध है।


पराक्रम दिवस में शामिल होंगे गायक कैलाश खैर

पराक्रम दिवस कार्यक्रम में सैन्य बलों द्वारा संगीतमय प्रस्तुति हॉट एयर बैलून, मोटर साइकिल डिस्प्ले, एयर वॉरियर ड्रिल, पैरामोटर ग्लाइडिंग और नेवी बैंड शामिल हैं। वहीं, देशभर से आए आदिवासी कलाकारों का एक घंटे का पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन के रूप में खुखरी नृत्य, गतका नृत्य, मल्लखंब नृत्य, कलारिप्पयतु नृत्य और थंगटा नृत्य शामिल है। इस दिवस पर ग्रैंड फिनाले के प्रसिद्ध गायक कैलाश खैर की संगीत की प्रस्तुति होगी।


पराक्रम दिवस का उद्देश्य

126वीं जयंती समारोह का आयोजन देश के उन बहादुरों के बलिदान को याद करने के लिए और उनके समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को यादगार बनाने के लिए किया जा रहा है। जिन्होंने अपना योगदान दिया है। इस उत्सव को मनाने से भारत को अलग ही पहचान मिलती है। इस पराक्रम दिवस पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ये भी है कि भारत की सच्ची भावना को अपनाएं और देश को सशक्त और समृद्ध 'नया भारत' का निर्माण करें। इस साल पराक्रम दिवस का आयोजन रक्षा मंत्रालय और जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। इसमें भारतीय तटरक्षक समन्वयक की भूमिका निभा रही है।

Tags

Next Story