Sunday Special: 21 साल अफ्रीकी देश में रहकर 9 जनवरी को स्वदेश लौटे थे गांधी जी, जानिए प्रवासी दिवस का इतिहास

Sunday Special: गांधी जी 21 साल अफ्रीकी देश में रहकर 9 जनवरी के दिन 1915 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ भारत वापस लौटे थे। भारत पहुंचने पर गांधी जी और कस्तूरबा हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया था। महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत वापसी की याद में हर साल 9 जनवरी के दिन को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था और हमेशा के लिए भारतीयों के जीवन को बदलाब के रूप में चुना गया था। यह दिन हर साल प्रवासी भारतीय दिवस (Pravasi Bharatiya Divas) सम्मेलन के रूप में मनाया जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास
प्रवासी भारतीय दिवस को मनाने की शुरुआत 9 जनवरी 2003 में हुई थी। क्योंकि 9 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश (भारत) लौटे थे। गांधी जी को भारत का सबसे बड़ा प्रवासी माना जाता है। 18वीं शताब्दी में गुजराती कारोबारी व्यापारी केन्या, युगांडा, जिम्बाब्वे, जाम्बिया, दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे। वहीं महात्मा गांधी एक कारोबारी दादा अब्दुल्ला सेठ के कानूनी प्रतिनिधि के रूप में साल 1893 में दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत में पहुंचे थे।
महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद नीति के खिलाफ संघर्ष किया। साथ ही उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय के सम्मान के लिए भी संघर्ष किया। गांधी जी अहिंसा और सत्याग्रह जैसे विरोध के पूर्णतः नये और अनजान तरीकों से अपने मिशन में कामयाब हुए। महात्मा गांधी 9 जनवरी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे थे। महात्मा गांधी के 21 साल के संघर्षमय प्रवास से प्रेरणा लेकर इस दिवस को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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